यह क्या: महामाया सचल अस्पताल वाहन की दुर्दशा
चकिया (चंदौली): शासन बदला, सत्ता बदली, अगर नहीं बदली तो वह है स्वास्थ्य महकमे से जुड़ा दस्ता वाहन। जी हां, वाहन पर आज भी मुख्यमंत्री महामाया सचल अस्पताल अंकित पड़ा हुआ है। यह बात दीगर है कि सचल अस्पताल का दस्ता वाहन पिछले छह माह से संयुक्त चिकित्सालय परिसर की शोभा बढ़ा रहा है।
बताते चलें कि बसपा काल में सर्वजन हिताय, सर्व जन सुखाय का नारा देते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने परिवार कल्याण विभाग की ओर से मुख्यमंत्री महामाया सचल अस्पताल योजना का क्रियान्वयन किया। योजना के तहत चकिया, शहाबगंज, नौगढ़ सहित जनपद के विभिन्न सरकारी अस्पतालों पर सचल अस्पताल का वाहन उपलब्ध कराया। वाहन पर चिकित्सक सहित फार्मासिस्ट, नर्स की बाकायदा संविदा पर नियुक्ति के साथ ही माकूल दवा उपलब्ध कराई गई। स्वयं सेवी संस्थाओं के माध्यम से योजना को अमली जामा पहनाते हुए गांव-गांव में सचल अस्पताल का वाहन गत वर्ष अप्रैल माह में पहुंचा। रोस्टर के तहत गांव में पहुंचने वाले सचल अस्पताल का वाहन शुरूआती दौर में ही फिसड्डी साबित हो गया। ग्रामीणों की तमाम शिकायतें मिलनी शुरू हो गई। बहरहाल विधान सभा चुनाव के दौरान आदर्श चुनाव आचार संहिता के चलते वाहन को संबंधित अस्पताल परिसरों में खड़ा करते हुए महामाया शब्द को हटा दिया गया। चुनाव बीतते ही न जाने किन परिस्थितियों में अस्पताल परिसर में खड़े सचल अस्पताल वाहन पर महामाया शब्द पुन: अंकित हो गया। यह देख लोग हैरत में पड़ गये हैं। सूत्रों की मानें तो सचल अस्पताल वाहन के तमाम उपकरण इस पर नियुक्त होने वाले कर्मचारियों की भेंट चढ़ चुकी है। इस संबंध में संयुक्त चिकित्सालय के अधीक्षक डा.विकास प्रताप सिंह कहते हैं कि सचल अस्पताल वाहन की चाभी विभाग के पास है। जहां तक महामाया शब्द की बात है इसे तत्काल हटा दिया जायेगा।
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