Move to Jagran APP

हर युग में नारी रहीं पूज्यनीय

By Edited By: Published: Mon, 11 Apr 2011 07:51 PM (IST)Updated: Thu, 17 Nov 2011 03:16 PM (IST)
हर युग में नारी रहीं पूज्यनीय

चकिया (चंदौली): प्रत्येक युग में नारी पूज्यनीय रही हैं। इसके रूप में भले ही परिवर्तन आया हो, किंतु समाज के लिए नारी की भूमिका सदैव महत्वपूर्ण रही है। रामचरित मानस में स्त्री की महिमा, महत्व व कर्तव्य का विस्तार से उल्लेख मिलता है। यह उद्गार व्यास अनीता भारती ने नगर स्थित काली जी पोखरे पर चल रहे राम कथा की सातवीं निशा में रविवार को व्यक्त की।

loksabha election banner

उन्होंने कहा कि बालि व रावण द्वारा किए गये नारी के अपमान पर भगवान ने कठोर दंड दिया है। सीता-अनसूइया संवाद का विस्तार से उल्लेख करते हुए कहा कि स्त्री को पतिव्रता धर्म का पालन करना जरूरी है। रामायण व महाभारत काल की स्त्रियों को त्याग व तपस्या की प्रतिमूर्ति बताते हुए इनसे सीख लेने का आह्वान किया। कहा कि सीता के साथ ही माता सुमित्रा, मांडवी, श्रुती कीर्ति, शबरी व देवकी आदि त्याग की महान उदाहरण है। इसके पूर्व कथा का दीप प्रज्ज्वलित कर विधायक जितेंद्र कुमार ने शुभारंभ किया। आयोजक सुधाकर कुशवाहा सहित मुश्ताक अहमद खां, लव कुमार जायसवाल, मंगला राय, गोपाल राय ने व्यासपीठ व अतिथियों का माल्यार्पण किया।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.