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एटीएम खाली, उपभोक्ता हो रहे परेशान

जागरण संवाददाता, चकिया (चंदौली) : तहसील मुख्यालय सहित ग्रामीण अंचलों की बैंक शाखाओं व एटीएम में धन क

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 May 2017 09:32 PM (IST)Updated: Wed, 24 May 2017 09:32 PM (IST)
एटीएम खाली, उपभोक्ता हो रहे परेशान
एटीएम खाली, उपभोक्ता हो रहे परेशान

जागरण संवाददाता, चकिया (चंदौली) : तहसील मुख्यालय सहित ग्रामीण अंचलों की बैंक शाखाओं व एटीएम में धन की कमी बनी हुई है। इससे वैवाहिक समेत अन्य जरूरी कार्यों के लिए उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोग धन के चक्कर में इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं।

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बैंकों के एटीएम कई दिनों से धन नहीं होने से खाली पड़े हैं। एकाध एटीएम में किसी दिन रुपये डाले भी गए तो कब खत्म हो जाते हैं, किसी को पता भी नहीं चलता है। इससे लोग काफी परेशान हैं। लोगों ने इस बात की कई बार शिकायत भी की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इससे लोगों को घर का बजट बनाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। चकिया स्थित भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, इलाहाबाद, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में एटीएम लगाए गए हैं। इनमें यूबीआइ का एटीएम ही धन उगल रहा है। शेष एटीएम महज शो पीस बनकर रह गए हैं। बुधवार को एसबीआइ के एटीएम का शटर पूरे दिन गिरा रहा। यहां के शाखा प्रबंधक के अड़ियल व मनमाने रवैया के कारण ग्राहक आक्रोशित नजर आए। वहीं, बैंकों में भी धन की कमी बनी हुई। लोगों की जरूरत के हिसाब से धन नहीं मिल पा रहा है। इससे ग्राहकों व बैंक कर्मियों के बीच विवाद की स्थिति उत्पन्न हो जा रही है। सरकारी सेवा में कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों को धन के संकट से दो चार होना पड़ रहा है। साथ ही पेंशनधारियों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है। लोग एटीएम में रुपये नहीं होने से निराश हैं। धन की कमी के चलते मनरेगा समेत अन्य मदों से कराए गए विकास कार्यों का भुगतान नहीं हो पा रहा है। इलिया कस्बे में पीएनबी, सैदूपुर में बैंक ऑफ बड़ौदा का एटीएम लगा हुआ है। नक्सल प्रभावित इलाके के दर्जनों गांवों के खाता धारक धन निकालने इन एटीएम के पास जाते हैं और खाली हाथ वापस लौट आते हैं। खाताधारक दिनेश यादव, धनेशरा, रामनरेश ¨सह, दीनदयाल राम, राजन ¨सह, विनोद कुमार, राजन मिश्र, कन्हैया मौर्य, शैलेंद्र कुमार द्विवेदी समेत तमाम ग्राहकों का कहना है कि एटीएम से धन की कमी के चलते सुबह-शाम आवश्यकता पड़ने पर हलकान होना पड़ता है।

क्या कहते हैं प्रबंधक

यूबीआइ के शाखा प्रबंधक ज्ञानप्रकाश कहते हैं यह प्रयास किया जाता है कि बैंक से कोई ग्राहक निराश न जाए। वैसे ग्राहक की मांग के अनुसार धन मुहैया कराया जा रहा है। उन्होंने मांग के सापेक्ष कम धनराशि मिलने को स्वीकार किया।


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