ट्रैक्टर की चपेट में आए सेना के जवान की मौत
टांडाकला (चंदौली) : बलुआ थाना क्षेत्र के गुरेरा गांव के समीप सोमवार की देर शाम ट्रैक्टर की चपेट म
टांडाकला (चंदौली) : बलुआ थाना क्षेत्र के गुरेरा गांव के समीप सोमवार की देर शाम ट्रैक्टर की चपेट में आने से उतड़ी समुदपुर गांव निवासी सेना का जवान चंदन गोंड फौजी (23) गंभीर रूप से जख्मी हो गया। उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया जहां हालत ¨चताजनक देख चिकित्सकों ने वाराणसी रेफर कर दिया। वाराणसी ले जाते समय रास्ते में उसकी मौत हो गई। घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने मंलगवार की सुबह सैदपुर चकई मार्ग को जाम कर दिया और मुआवजे सहित मृतक के भाई को नौकरी दिलाने की मांग करने लगे। सूचना मिलते ही पहुंचे बलुआ थानाध्यक्ष व जिला पंचायत सदस्य ने ग्रामीणों को समझा बुझा कर शांत कराया।
बलुआ थाना क्षेत्र उतड़ी समुदपुर गांव निवासी फुलचंद्र गोंड के पुत्र चंदन गोड़ फौजी
वर्तमान में स्टेट दो साला में तैनात था। तीन दिसंबर को वह छुट्टी लेकर घर आया था। सोमवार की रात घर पर किसी के बीमार होने पर बाइक से दवा लेने चहनियां जा रहा था। रास्ते में गुरेरा गांव के नहर पुलिया के पास पहुंचा ही था कि तेज रफ्तार से आ रही पुआल लदी ट्रैक्टर की चपेट में आ गया। इससे वह गंभीर रूप से घायल होकर सड़क पर तड़फड़ाने लगा। तेज आवाज सुन आस पास के लोग मौके पर जुट गए और उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चहनियां में भर्ती कराया। जहां पर हालत ¨चताजनक होने पर चिकित्सकों ने वाराणसी के लिए रेफर कर दिया और वाराणसी जाते समय उसकी रास्ते में मौत हो गई। वहीं उसके जेब से मिले पहचान पत्र से परिजनों को सूचना दे दी गई। चंदन के मौत की खबर घर लगते ही कोहराम मच गया। वहीं ट्रैक्टर चालक वाहन सहित अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में सफल रहा। घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने मंगलवार की सुबह मुआवजा व छोटे भाई को नौकरी की मांग को लेकर सैदपुर चकई मार्ग को जाम कर दिया। सूचना पाकर पहुंचे बलुआ थानाध्यक्ष साजिद सिद्दीकी व जिला पंचायत सदस्य अनिल कुमार ¨सह यादव के समझाने बुझाने पर ग्रामीण शांत हुए।
माता पिता सहित भाई बहनों का रो-रोकर बुरा हाल
सेना का जवान चंदन गोंड फौजी तीन भाई और छह बहनों में सबसे बड़ा था और घर का एक मात्र कमाऊ था। उसके घटना में मृत होने की खबर मिलते ही घर में कोहराम मच गया। मां रामवंती देवी को घटना की खबर लगते ही वह दहाड़ मार कर रोने लगी। वहीं पिता फूलचंद्र सहित उसके भाई बहन भी बिलखने लगे। मां रामवंती देवी बस यहीं कह कर रो रही थी कि काहे के दवाईया लेवे गईला ए भाइया। जबकि पिता चंदन के मौत की खबर सुन कर एकदम सन्न बैठे रहे।
मजदूरी कर बेटे को किया था सेना में भर्ती
उतड़ी समुदपुर गांव निवासी फुलचंद्र गोंड ने मजदूरी कर एक-एक पैसा जुटा कर किसी तरह पढ़ाई लिखाई करा चंदन गोंड को सेना में भर्ती कराया था कि वह देश की सेवा करें। परंतु भगवान को कुछ और ही मंजूर था। जो तीन दिसंबर को छुट्टी लेकर आया जहां उसकी सड़क दुर्घटना में मौत हो गई।