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अनुशासन व समर्पण का प्रतीक है खेल

चकिया( चंदौली): खेलों से अनुशासन, समर्पण , कौशल व सहयोग की भावना बढ़ती है । यह बातें चकिया में

By Edited By: Published: Mon, 24 Oct 2016 12:04 AM (IST)Updated: Mon, 24 Oct 2016 12:04 AM (IST)
अनुशासन व समर्पण का  प्रतीक है खेल

चकिया( चंदौली): खेलों से अनुशासन, समर्पण , कौशल व सहयोग की भावना बढ़ती

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है । यह बातें चकिया में 20वीं जनपदीय माध्यमिक एथलेटिक्स / खेलकूद व

सांस्कृतिक प्रतियोगिता में बतौर मुख्य अतिथि शिक्षक नेता व विधान परिषद

सदस्य चेत नारायण ¨सह ने कहीं। वह रविवार को आदित्य नारायण राजकीय इंटर

कालेज के खेल मैदान मे उद्घाटन के बाद बोल रहे थे । कहा कि खेलों के पति

बच्चो में भावना जागृत करने का कार्य शिक्षक ही करते हैं । पुराने

शिक्षक अपने विषय की शिक्षा देने के बाद कॉलेज की छुट्टी होते ही शाम

4:00 बजे से अपनी रुचि के खेलों को बच्चों को खिलाना शुरू कर देते थे।

लेकिन 70 के दशक के बाद व्यायाम शिक्षकों की तैनाती होने पर खेलों के

प्रति इतना जागरुक कर दिया करते थे कि स्कूल कॉलेज का विद्यार्थी

एशियन गेम व ओलंपिक तक की सफर करने में कामयाब हो जाया करते थे। वहीं

व्यायाम शिक्षको की नियुक्ति के बाद अन्य शिक्षकों का इस विधा में रुचि

तेजी से घटी है। अफसोस जताया की अब कॉलेजों में खिलाड़ियों को प्रोत्साहित

करने की कोई कार्य योजना व उत्साह भी नहीं रह गया है। वर्तमान प्रतियोगिता

का हवाला देते हुए श्री ¨सह ने कहा कि कॉलेजों द्वारा भेजी गई एथलेटिक्स

टीम को एक अदद ड्रेस मुहैया नहीं कराया जाना कॉलेज प्रशासन की अरुचि

खेलों के प्रति उजागर करती है। उन्होंने स्कूल व कॉलेज स्तर पर ही खेलों के लगातार आयोजन का

आवाहन किया । इसके पूर्व मुख्य अतिथि , जिला विद्यालय निरीक्षक मालती राव

¨प्रसिपल स्वतंत्र कुमार मिश्र ,ब्लाक पमुख एसपी ¨सह ने गुब्बारा व

कबूतर छोडा ।


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