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आधा सामान दुकान में और आधे से ज्यादा सड़क पर

मुगलसराय(चंदौली): ऐसा नहीं है कि जीटी रोड के दुकानदार ही दुकान से बाहर सामान रखकर अतिक्रमण किए हैं।

By Edited By: Published: Sat, 30 Apr 2016 08:32 PM (IST)Updated: Sat, 30 Apr 2016 08:32 PM (IST)
आधा सामान दुकान में और आधे से ज्यादा सड़क पर

मुगलसराय(चंदौली): ऐसा नहीं है कि जीटी रोड के दुकानदार ही दुकान से बाहर सामान रखकर अतिक्रमण किए हैं। जीटी रोड के अंदर के कटरों में भी कई जगह इसी तरह का मंजर दिखता है। लालबहादुर शास्त्री कटरा के दुकानदारों को जाने क्या सूझती है, यहां दुकान से आधे से अधिक सामान निकालकर ये सड़क पर रख देते हैं। दोनों तरफ यहां ऐसा करने से 12 फीट की सड़क गली में बदल जाती है। यहां भी व्यापारियों का संगठन है, पर इस मुद्दे पर व्यापारी नेता भी कन्नी काटते हैं। दरअसल अतिक्रमण करना एक अलग तरह की प्रवृत्ति है। इसमें अगर रोक-टोक न हो तो लोग बढ़ते ही जाते हैं। वहीं कुछ अच्छे लोग भी हैं जो अपनी हद में ही रहते हैं। अपनी इस प्रवृत्ति के कारण इन दुकानदारों को ऐसा लगता है कि छह गुणे आठ फीट की दुकान छोटी नजर आती है। अगर उसका सारा सामान निकालकर सड़क पर फैला दिया जाए तो वहीं दुकान बड़ी दिखती है, इससे ग्राहक आकर्षित होता है। अपनी इसी समझ के कारण इन दुकानदारों ने पूरी व्यवस्था को ही बदल डाला। हालत यह है कि लालबहादुर शास्त्री कटरा में चाहे किधर से भी घुसिए सड़क गली की तरह ही नजर आती है। इस कटरे में नगर पालिका परिषद ने दुकानें बनवाकर व्यवस्थित तरीके से दुकानदारों को दी है। दुकान के सामने कुछ जगह छोड़ने के बाद भी 12 फीट की सड़क है। बेखौफ कुछ दुकानदारों ने पहले तो अपना सामान सड़क पर रखा और कई ने तो अब पक्का निर्माण भी करा लिया है।

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पालिका की चुप्पी से होता है अतिक्रमण :

दरअसल नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष की कुर्सी राजनीति से प्रेरित होती है। हर पांच साल में उन्हें जनता के बीच जाना होता है। वोट की राजनीति के कारण ही अक्सर कई चीजें गौण कर दी जाती है। अन्यथा पालिका कार्यालय के सौ मीटर दूर पूरा का पूरा कटरा अतिक्रमण की चपेट में है। अधिकांश दुकानदार अपने सामान सड़क पर 3 से 4 फीट का पक्का चबूतरा बनाकर अतिक्रमण किए हुए हैं और पालिका परिषद द्वारा कोई रोक टोक नहीं है। पालिका अगर सजग रहे तो उसके ही आवंटी दुकानदार आखिर कैसे अतिक्रमण कर सकते हैं।

अपनाना होगा कड़ा रुख :

प्रबुद्ध लोगों के अनुसार इस अतिक्रमण रूपी रोग से मुक्ति के लिए एक बार पालिका, जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन को कड़ा रुख अख्तियार करना होगा। कुछ लोग नाराज होंगे लेकिन बहुत से लोग खुश भी होंगे। जो लोग नाराज होंगे, उनकी ¨चता करने की आवश्यकता नहीं है। सड़कें साफ सुथरी व अतिक्रमण मुक्त हों, दुकानदार अपनी हद में रहें तभी सब कुछ अच्छा होगा।


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