हल्की नोकझोंक के बीच 69 फीसदी हुआ मतदान
शहाबगंज (चंदौली) : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तहत शुक्रवार को प्रथम चरण में नक्सल क्षेत्र में हल्की
शहाबगंज (चंदौली) : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तहत शुक्रवार को प्रथम चरण में नक्सल क्षेत्र में हल्की नोकझोंक के बीच जहां शांतिपूर्ण ढंग से मतदान संपन्न हो गया, वहीं यहां 69 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। हालांकि मतदान के दौरान तैनात कर्मियों की कार्य के प्रति उदासीनता ने कई मतदाताओं को उनके मताधिकार से वंचित कर दिया। मतदाताओं द्वारा अधिकारियों को सूचना देने के बावजूद न तो जिला प्रशासन ही इसमें रुचि लिया और ना ही पर्यवेक्षक का ही फोन रिसीव हो पाया। वहीं मतदान के दौरान पुलिस की निष्क्रियता के चलते आपराधिक छवि के दबंग भी बूथों पर जमे रहे।
सुबह सात बजे से आरंभ होने वाला मतदान शुरूआती दौर में पूरी तरह धीमा रहा। बूथों पर मतदाताओं के नहीं पहुंचने से कर्मी मतदाताओं का इंतजार करते रहे। सुबह 11 बजे के बाद इसमें इजाफा हुआ तो चिलचिलाती धूप के बावजूद बूथों पर मतदाताओं की कतार लग गई। इस दौरान अतायस्त गांव में मतदाता व एजेंट में मतदान को लेकर नोकझोंक के चलते कुछ देर के लिए मतदान को रोकना पड़ा पर पुलिस ने मामले को संभाल लिया। मतदान के दौरान स्थानीय ब्लाक में 74 क्षेत्र व तीन जिला पंचायत सदस्यों के लिए मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
चिलचिलाती धूप में लगी रही कतार
शुक्रवार को मतदाताओं का उत्साह चिलचिलाती धूप के बावजूद कम नहीं हुआ है। बूथों पर पुरूषों के साथ महिलाओं की लंबी कतार लगी रही। जिला प्रशासन की ओर से मतदेय स्थलों पर धूप से बचाव के लिए टेंट आदि की व्यवस्था नहीं किए जाने से मतदाता प्रशासन को कोसते नजर आए।
वृद्धों ने भी किया मतदान
प्रथम चरण में हुए मतदान में गांव के बुजुर्ग मतदाताओं ने भी पूरे उत्साह के साथ अपने मताधिकार का प्रयोग किया। उनके परिजन उन्हें निजी साधनों से बूथों तक पहुंचाने में लगे रहे। कोई सगड़ी तो कोई बाइक से उन्हें मतदान स्थल तक ले गया।
नवजात बच्चे संग किया मतदान
पंचायत चुनाव में मतदान के दौरान महिलाओं की भूमिका काबिलेतारिफ रही। कई गांवों में धूप के बावजूद महिलाएं बूथों पर मतदान के लिए उत्साह के साथ पहुंची।
सूनी रही सड़कें
शुक्रवार को प्रथम चरण के मतदान क दौरान कस्बा बाजारों में पूरी तरह सन्नाटा पसरा रहा। चाय, पान की दुकानों के साथ अन्य दुकानें भी आंशिक रूप से बंद रही। हालांकि इस दौरान प्रशासन की ओर से बंदी के निर्देश नहीं दिए गए थे।
चुनाव की रही चर्चा
शुक्रवार को मतदान के दिन सुबह से लेकर देर शाम तक बस मतदान की ही चर्चा बनी रही। मतपेटी बंद होन के बाद प्रत्याशी और उनके समर्थक अपन पक्ष में पड़े मतों की गिनती में मशगूल रहे।
तैनात रही सीआरपीएफ
मतदान के दौरान मसोई व पड़रिया गांव में सिविल पुलिस के साथ सीआरपीएफ के जवानों को लगाया गया था ताकि किसी भी अप्रिय घटना से निपटा जा सके।
मुबारकपुर में मतदान से वंचित रह गए मतदाता
नक्सल क्षेत्र में शहाबगंज में प्रथम चरण में मतदान के दौरान निर्वाचन कर्मियों की उदासीनता व मनमानी के चलते मुबारकपुर गांव के एक दर्जन से ऊपर मतदाता बूथ पर समय से पहुंचने के बावजूद अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर सके। मत का प्रयोग करने के लिए मतदाताओं ने अधिकारियों को इस बात की सूचना दी बावजूद इसके तत्काल कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। दरअसल ठीक साढ़े चार बजे एक दर्जन मतदाता अपने मत का प्रयोग करने के लिए प्राथमिक विद्यालय के मतदेय स्थल पर पहुंचे लेकिन मतदान कर्मियों ने समय हो गया है कहकर बैलेट बाक्स को बंद कर दिया।
जब इस बात की सूचना डीएम को दी गई तो उन्होंने कहा कि वे मुबारकपुर में ही हैं। जबकि वे नौगढ़ में मौजूद थे। वहीं पर्यवेक्षक को फोन करने पर उनका फोन ही रिसीव नहीं हुआ। इतना कुछ करने में घड़ी ने पांच बजा दिया। ऐसे में मतदाता अपने मताधिकार से वंचित रहे गए। मतदाताओं का कहना रहा कि चुनाव की सुचिता पर सवाल खड़े हो गए। वहीं सहायक चुनाव अधिकारी जगरूप ¨सह ने अफसोस जताया।