आज भी आदिम युग में जीते है ताजपुर पुरवा के वा¨शदें
फोटो 04 ताड़ के तने से बनी पुलिया से आवागमन करते लोग। सकलडीहा (चंदौली) : जनाब यह उत्तर प्रदेश
फोटो 04 ताड़ के तने से बनी पुलिया से आवागमन करते लोग।
सकलडीहा (चंदौली) : जनाब यह उत्तर प्रदेश के गांव में विकास का नंगा सच। जी हां, बात हो रही क्षेत्र के ताजपुर पुरवा की। जहां के वा¨शदें सरकारी उदासीनता से क्षुब्ध होकर अपने गांव तक जाने वाले मार्ग को नहर पर कृतिम पुलिया बनाकर मुख्य मार्ग से जोड़ दिया। ताड़ के तनों व बांस की बनी पुलिया का प्रयोग पैदल व दो पहिया वाहन सवार गांव तक आवागमन करते हैं।
उत्तर प्रदेश में सत्ता में आई तमाम सरकारों ने अब तक ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की गंगा बहा देने का दावा किया। थोक के भाव में सरकारी अमले द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में संपर्क अथवा मुख्य मार्ग का निर्माण कराया जाता है लेकिन अरसा बीत जाने के बाद भी ताजपुर पुरवा के वा¨शदों को गांव तक आने जाने के लिए सकलडीहा रजवाहा पर एक अदद पुलिया के लिए तरसना पड़ रहा है। नहर पर पुलिया के निर्माण के लिए जनप्रतिनिधियों से लगायत विभागीय अधिकारियों तक गुहार लगाई लेकिन उनकी किसी ने एक नहीं सुनी। अंत में थक हार कर ग्रामीणों ने अपनी समस्या के निवारण का स्वयं बीड़ा उठाया। ग्रामीणों ने ताड़ व अन्य वृक्षों के तनों का प्रयोग नहर पर एक मजबूत पुलिया का निर्माण किया। फिर क्या था, ग्रामीणों की राह आसान हो गई। अब उक्त पुलिया से पैदल, बाइक सवार और कभी कभी हल्क चार पहिया वाहन भी गांव में आते जाते रहते हैं। ग्रामीण बताते हैं कि जब पुलिया निर्माण की गुहार लगाते हम थक गए तो अचानक हमें रामायण का वह प्रसंग प्रेरित कर गया जिसमें भगवान राम ने अपने सहयोगियों के प्रयास से समंदर पर पुल का निर्माण किया था। फिर हमने भी प्रयास किया। आज हम अपने उद्देश्य में सफल हो गए।