परिषदीय विद्यालयों में बरकरार है पेयजल संकट
सकलडीहा (चंदौली) : जब बहस इस मुद्दे पर छिड़ी हो कि कोर्ट के निर्देशानुसार जनप्रतिनिधियों व नौकरशाहों
सकलडीहा (चंदौली) : जब बहस इस मुद्दे पर छिड़ी हो कि कोर्ट के निर्देशानुसार जनप्रतिनिधियों व नौकरशाहों के बच्चों को परिषदीय विद्यालयों में पढ़ना चाहिए या नहीं । ऐसे में तहसील क्षेत्र के 95 परिषदीय विद्यालयों में महीनों-वर्षों से खराब पड़े हैंडपंप सर्वसुविधा संपन्न विद्यालयों के सरकारी दावों को मुंह चिढ़ाते दिखते हैं। जहां अध्ययनरत बच्चों को पीने के पानी के लिए अन्य साधनों का मुंह ताकना पड़ता है । इसके लिए जितना शिक्षाधिकारी
दोषी हैं, उससे कहीं ज्यादा जलनिगम विभाग। जिनके महती कंधे पर खराब पड़े हैंडपंप की मरम्मत की •िाम्मेदारी है। तहसील के तीनो ब्लॉकों के परिषदीय विद्यालयों में पेयजल सुविधा पूरी तरह बेपटरी है । बच्चों को पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए यहां जो हैंडपंप स्थापित किए गए हैं । उनमें 95 हैंडपंप महीनों से खराब पड़े हुए हैं। नतीजा यह कि इन विद्यालयों के बच्चों को पीने के पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। विभागीय अधिकारियों की माने तो खराब पड़े हैंडपंपों की सूची ब्लॉक को उपलब्ध करा दी गयी है । एडीओ पंचायतों की सुनें तो वो सूची जलनिगम को सौंप दी गयी है । इस तरह सभी एक दूसरे पर अंगुली उठाकर अपनी-अपनी •िाम्मेदारियों से
मुंह चुरा रहे हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो सकलडीहा ब्लॉक में प्राथमिक
विद्यालयों में 26 व पूर्व माध्यमिक में 16 हैंडपंप लंबे अरसे से खराब
पड़े हैं । इसी प्रकार धानापुर में प्राथमिक के 26 व पूर्व माध्यमिक के 13 और चहनियॉ में कुल 13 हैंडपंप खराब पड़े हैं । ऐसे में परिषदीय विद्यालयों में मिड डे मील, नि:शुल्क पुस्तकें व कंप्यूटर शिक्षा जैसी सुविधाओं का दावा बेकार साबित हो जाता है। जब उन्हें पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा जाता है।