मजदूर विरोधी नीतियों का एकजुट होकर करेंगेविरोध
मुगलसराय : ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन स्थानीय मंडल के मंडलीय परिसर की बैठक सोमवार को इंडियन
मुगलसराय : ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन स्थानीय मंडल के मंडलीय परिसर की बैठक सोमवार को इंडियन इंस्टीच्यूट स्थित सामुदायिक भवन में सुबह 11 बजे शुरू हुआ। बैठक में 6 शाखाओं के पदाधिकारियों सहित सभी केंद्रीय पदाधिकारियों ने भाग लिया।
इस मौके पर बैठक का उद्घाटन करते हुए यूनियन के अध्यक्ष एससी त्रिवेदी ने कहा कि केंद्र सरकार की मजदूरी विरोधी नीतियों का विरोध सभी को एकजुट होकर करना है। आगामी 23 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए सभी का आह्वान करते हुए उन्होंने मुगलसराय मंडल को 1974 के ऐतिहासिक हड़ताल की पुनरावृत्ति करने का आग्रह किया। वहीं ट्रेड यूनियन एजुकेटर एसएनपी श्रीवास्तव अपर महामंत्री एसएसडी मिश्रा ने डा. विवेक देव राय कमेटी के सिफारिशों से भारतीय रेल पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई। साथ ही संगठन की एकता व मजबूती के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए व आगे आने वाली चुनौती के लिए तैयारी करने का आह्वान किया। बैठक में मंडल प्रभारी बालक राम, केंद्रीय अध्यक्ष रमेशचंद्रा, केंद्रीय संगठन मंत्री बारला, केंद्रीय उपाध्यक्ष केएफ कुल्लू के अलावा बेचू राम, भइया लाल, यूसी ¨सह, सुल्तान ¨सह, मिथिलेश कुमार, एसपी ¨सह आदि उपस्थित थे। अध्यक्षता केंद्रीय कार्यकारिणी अध्यक्ष बीएस भदौरिया व धन्यवाद ज्ञापन यूनियन के केंद्रीय संगठन मंत्री केदार प्रसाद ने किया।
कमेटी की क्या हैं सिफारिशें
केंद्र सरकार को डा. विवेक देव राय कमेटी द्वारा जो सिफारिशें सौंपी गई है और जिसके विरोध में आल इंडिया स्तर पर कर्मचारी यूनियन आगामी 23 नवंबर से हड़ताल की योजना बना रही हैं, उनमें से कुछ सिफारिशें इस प्रकार हैं-
1 ट्रेन सेवाओं, माल भाड़ा व टिकट दरों की आउट सोर्सिंग तय करने के लिए रेग्युलेरटी का गठन किया जाना।
2 निजी कंपनियों को ट्रेन चलाने और अपनी इच्छानुसार माल भाड़ा व टिकट दर वसूलने की अनुमति।
3 छात्रों, महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों, कैंसर पीड़ितों, अन्य बीमार व्यक्तियों, खिलाड़ियों, विकलांगों, पत्रकारों सहित अन्य 48 तरीके के टिकटों पर रियायत देना बंद करने की अनुशंसा।
4 इंडियन रेलवे मैन्यूफैक्च¨रग कंपनी के नाम से रेलवे के सभी उत्पादन इकाइयों, कारखानों को एक निजी कंपनी में बदलने की सिफारिश।
5 ठेकेदारी के माध्यम से रेलवे के सभी निर्माण व रखरखाव को सौंपने।
6 सभी रेलवे स्कूलों व अस्पतालों को बंद कर दिया जाना अथवा उन्हें निजी हाथों में सौंप देना।
7 आरपीएफ की सभी गतिविधियां व कार्य इंडस्ट्रीयल सिक्यूट्री फोर्स या सेंट्रल रिजर्व फोर्स को सौंपा जाना।
8 रेल कर्मचारियों की संख्या में कमी।
9 रेल कर्मचारियों के बच्चों को अनुकंपा व लार्जेस स्कीम के तहत नौकरी न देना शामिल हैं।