उत्पाती बंदरों ने एक दर्जन लोगों को काटा
बबुरी(चंदौली): बनारस से चकिया के जंगलों में छोड़े गए बंदरों ने अब गांवों का रुख कर लिया है। उत्पात
बबुरी(चंदौली): बनारस से चकिया के जंगलों में छोड़े गए बंदरों ने अब गांवों का रुख कर लिया है। उत्पाती बंदर जहां कपड़े फाड़ दे रहे हैं वहीं छत पर रखे किसी भी सामान को नष्ट कर दे रहे हैं।
शनिवार को सुबह बबुरी स्थित दलित बस्ती में बंदरों ने गोकुल के पुत्र हर्षवर्धन 13 वर्ष, मिश्री की पुत्री रागिनी 12 वर्ष, महेंद्र 32 वर्ष, महेंद्र के पुत्र अंकित 3 वर्ष, प्यारे के पुत्र मनीष 9 वर्ष, प्रेम की पत्नी देवी 25 वर्ष, दुलारे के पुत्र अजय 5 वर्ष, प्रेम के पुत्र बिट्टू 4 वर्ष, दुलारे के पुत्र रामबली 10 वर्ष, प्यारे के पुत्र विपिन 8 वर्ष को काटकर जख्मी कर दिया। सभी घायलों का इलाज निजी चिकित्सालय में कराया गया। ग्रामीण बंदर के आतंक से इतने भयभीत हैं कि वे रात में छतों पर सोना भी बंद कर दिए हैं। ग्रामीणों ने विभागीय अधिकारियों से बंदरों को अन्यत्र छोड़े जाने की मांग की है।