अपहृत किसान की हुई घर वापसी
शहाबगंज (चंदौली): बेन गांव निवासी किसान काशीनाथ दुबे 48 वर्ष की रविवार की शाम सकुशल वापसी हो गई। अपर
शहाबगंज (चंदौली): बेन गांव निवासी किसान काशीनाथ दुबे 48 वर्ष की रविवार की शाम सकुशल वापसी हो गई। अपर पुलिस अधीक्षक आपरेशन कुशहर सौरभ व पुलिस क्षेत्राधिकारी राधेश्याम के समक्ष काशीनाथ दुबे ने कबूल किया कि पत्नी के भाई (साला)से पांच लाख रूपये लेने के लिए उसने खुद के अपहरण का नाटक रचा था। सफलता नहीं मिलने के साथ ही पुलिस के लगातार दबाव के चलते वह घर लौट आया।
पुलिस ने बताया कि बेन गांव निवासी किसान काशीनाथ दुबे का अपहरण नहीं किया गया था। बल्कि पत्नी के भाई से पांच लाख रूपये के लिए उसने खुद के अपहरण का षड़यंत्र रचा था। सर्विलांस के माध्यम से पुलिस ने 3 जुलाई की रात ही उसका लोकेशन जम्मू कश्मीर होने को प्राप्त कर लिया। इसके बाद उसके अपहरण की झूठी घटना होने का मामला समझते पुलिस को देर नहीं लगी। इस बीच पुलिस लगातार काशीनाथ व परिजनों, रिश्तेदारों का मोबाइल ट्रेस करती रही। साथ ही काशीनाथ पर पुलिसिया दबाव बना रहा। इससे घबराकर घर जैसे ही लौटने के लिए वह चकिया पहुंचा पुलिस ने उसे दबोच लिया। पुलिस अधिकारियों के समक्ष काशीनाथ ने स्वीकार किया कि एक जुलाई को वह घर से चंदौली जाने को कहकर निकला था। उसी दिन शाम को मुगलसराय से हिमगिरी एक्सप्रेस पकड़कर मां वैष्णों देवी का दर्शन पूजन किया। इस बीच रास्ते में अर्जी गांव निवासी रिश्तेदार शैलेन्द्र पांडेय के मोबाइल पर फोन कर खुद को अपहरणकर्ताओं के चंगुल में होने और फिरौती के तौर पर धन की व्यवस्था करने की बात कही थी। 3 जुलाई को वहां से दिल्ली होते हुए 5 जुलाई को गरीब रथ से वह मुगलसराय उतरा। चकिया में पुलिस की घेराबंदी के बाद वह सकते में आ गया। थानाध्यक्ष अनुराग कुमार ने बताया कि झूठी खुद के अपहरण की खबर कर प्रशासन को परेशान करने के मामले को गंभीरता से लिया गया है। सोमवार को काशीनाथ को न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा।