मुआवजे के नाम पर किसानों से धोखा
चंदौली : फ्रेट कारिडोर योजना के तहत रेलवे व जिला प्रशासन द्वारा किसानों की उपेक्षा करने का मामला तूल
चंदौली : फ्रेट कारिडोर योजना के तहत रेलवे व जिला प्रशासन द्वारा किसानों की उपेक्षा करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। रविवार को किसानों ने मुख्यालय स्थित लीलापुर प्राथमिक विद्यालय परिसर में अखिल भारतीय किसान महासभा के बैनर तले सभा कर हक नहीं मिला तो आंदोलन की चेतावनी दी। इस दौरान किसानों के उग्र तेवर को देखते हुए कई थानों की पुलिस के साथ आरपीएफ के जवान कानून व्यवस्था के लिए मौके पर तैनात रहे।
वक्ताओं ने कहा कि बार-बार आश्वासन के बाद भी किसानों की बात न तो रेलवे सुन रहा है और ना ही जिला प्रशासन। कहा कि देश की सरकारें किसानों का शोषण करने पर तुली हुई हैं। भूमि अधिग्रहण के नाम पर किसानों को उनकी भूमि का उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। एक तरफ खेती किसानी महंगी होती जा रही है तो दूसरी ओर विकास के नाम पर किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है।
आरोप लगाया कि रेल लाइन बिछाने के लिए रेलवे द्वारा किसानों की भूमि तो ले ली गई लेकिन मुआवजा के नाम पर उनके साथ धोखा किया जा रहा है। इतना ही नहीं प्रशासन द्वारा प्रत्येक किसान के परिवार को नौकरी देने का वादा किया गया था लेकिन इस ओर कोई पहल नहीं की जा रही है। किसानों ने चेतावनी दी की उनका हक नहीं मिला तो वे बड़े आंदोलन को बाध्य होंगे।
सभा में डा. परमानंद यादव, बबलू सिंह, कृष्णा राय, महेंद्र सिंह, बजरंगी राम, सुजीत कुमार, बेचन, शिव प्रकाश, जगतनारायण, राम विलास सहित कई संख्या में किसान उपस्थित थे। अध्यक्षता सुदामा पाडेय व संचालन शशिकांत सिंह ने किया।
तैनात रही पुलिस
किसानों की सभा को देखते हुए कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए ओसी बसंत लाल गुप्ता, सदर कोतवाल एमएस यादव संग कई थानों की पुलिस व आरपीएफ के जवान मौके पर चक्रमण करते रहे।