पानी के अभाव में सूखी सैकड़ों एकड़ फसल
बरहनी (चंदौली): विकास खंड के बिहार बार्डर से सटे कुछ पूर्वी गांव के सीवान में धान की फसल पानी के अभा
बरहनी (चंदौली): विकास खंड के बिहार बार्डर से सटे कुछ पूर्वी गांव के सीवान में धान की फसल पानी के अभाव में पूरी तरह दम तोड़ दी है। इसका नतीजा है कि खेतों से केवल मुआर (कमजोर बालियां की फसल) काटा जा रहा है। कुछ इतना छोटा भी है न तो काटने लायक है और न ही पशुओं के चारे के उपयोग में आ सकेगा। इतना ही नहीं सबसे बड़ी समस्या तो यह है कि धान तो सूख ही गया। आगे पानी के अभाव में खेत परती भी रह जाएंगे। फिर रबी की फसल कैसे बोआई जाएगी इसे लेकर किसान काफी चिंतित है।
पूर्वी क्षेत्र के किसानों का धान की फसल को लेकर हालत खस्ता है। पहले उन्हें धान की नर्सरी के समय पानी नहीं मिल पाया तो किसी तरह धान की नर्सरी उगाए। फिर रोपाई के समय यहीं हाल हुआ और पानी का अभाव रहा। फिर भी किसानों ने हौसला बनाए रखा और धान की फसल के होने की उम्मीद लगाए रखे। भारी खर्च और मशक्कत कर धान की रोपाई किए। सबसे दुखद बाद यह रही कि इस वर्ष जहां प्रचंड सूखा साथ नहीं छोड़ा। वहीं लाख प्रयासों के बाद भी नहर का पानी टेल तक नहीं पहुंच पाया।
इतना ही नहीं कोढ़ में खाझ का काम तो कर्मनाशा नदी में लगे लिफ्ट कैनाल भी किए। जो विद्युत अभाव और तकनीकि खराबी के कारण अपने कंमाड क्षेत्र में भी फेल रहे। इसका नतीजा रहा कि सैकड़ों एकड़ धान की फसल सूख चुकी है। बची फसल रेड़ा पर है जो पानी के लिए तरस रही है। जो धान सूख चुके है उन खेतों की किसानों द्वारा चारा के लिए काट कर जुताई किया जा रहा है। अधिकांश खेत पानी के अभाव में परती पड़े हुए है। जिन्हे पलेवा के लिए पानी की सख्त जरूरत है। नहीं तो हाल यह होगा कि खरीफ की फसल तो चली गई और अब रबी की फसल की बुआई भी नहीं हो पाएगी।