संक्रामक रोग की खबर मिलते ही हों तत्पर
चकिया (चंदौली) : स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र पर बुधवार को दस्त नियंत्रण पखवारा के तहत कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें आशा, एएनएम, एचवी व अन्य स्वास्थ कर्मियों को दस्त नियंत्रण के बाबत विशेषज्ञों द्वारा विस्तार से जानकारी दी गयी।
बताया कि बरसात के मौसम में संक्रामक बीमारियों के विस्तार लेने की संभावना बढ़ जाती है। इसका सबसे ज्यादा असर शरीर पर पड़ता। बारिश के चलते शुद्ध पेयजल भी दूषित हो जाता है। जल स्रोतों के खराब हो जाने से इसका सेवन करने वाले लोग संक्रामक बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। खासकर बच्चे इसके सबसे ज्यादा शिकार होते हैं। दूषित पेयजल के सेवन से बच्चों में दस्त की बीमारी तेजी से फैलती है। इस पर नियंत्रण के लिए ओआरएस व जिंक का सेवन करना चाहिए।
स्वास्थ कर्मियों को संक्रामक बीमारी की खबर लगते ही मौके पर पहुंचकर इसे नियंत्रित करने की सलाह दी गयी। बताया कि ओआरएस का पैकेट बराबर साथ में चाहिए। एक लीटर शुद्ध पानी में एक पैकेट पाउडर को डालकर इसे अच्छी तरह घोल बना लेना चाहिए। इसी तरह जिंक की गोली भी उम्र के अनुसार देनी चाहिए। बताया कि स्वास्थ कर्मियों के थोड़े से प्रयास से अबोध बच्चे व बालक बड़ी परेशानी से बच सकते हैं। इस दौरान प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. पवन कुमार कश्यप, चंद्र शेखर रमन, विनोद कुमार, विजय कुमार, अखिलेश यादव, अनुराधा, रेखा कुमारी, माया देवी आदि स्वास्थ कर्मी उपस्थित थे।