कर्मनाशा सिस्टम में सिर्फ 35 दिन का पानी शेष
मनोज सिंह
चंदौली : कृषि प्रधान जनपद में खेती के पीक सीजन में प्रकृति की मार किसानों पर भारी पड़ती जा रही है। बारिश की कमी के चलते बांध व बंधियों में जहां पानी का जलस्तर दिन प्रतिदिन कम होता जा रहा है, वहीं कर्मनाशा सिस्टम में मात्र 35 दिन का ही पानी शेष रहा गया है। आने वाले दिनों में भी सावन की यही स्थिति बनी रही तो खेती-किसानी पर संकट के बादल मंडराना तय है।
जुलाई माह का अंतिम पखवारा अपने अंतिम पायदान की ओर है। ..लेकिन जिले में अभी तक मात्र 15 से 20 प्रतिशत ही धान की रोपाई हो पाई है। इसमें भी रोपाई का प्रतिशत मैदानी इलाकों में ही ज्यादा है। पर्वतीय इलाकों की स्थिति बेहद चिंताजनक बनी है। पानी के अभाव में पर्वतीय क्षेत्रों में पांच प्रतिशत से भी कम धान की रोपाई हो पाई है।
नहीं बढ़ रहा जलस्तर
आषाढ़ के बाद सावन माह के भी दगा देने के कारण जिले में स्थित बांध व बंधियों के पानी का जलस्तर बढ़ने का नाम ही नहीं ले रहा है। जुलाई माह के प्रथम पखवारे में हुई बारिश ने बांधों के जलस्तर में वृद्धि तो की परंतु नतीजा ढाक के तीन पात तक ही सीमित रहा। नहरों में पानी छोड़े जाने से जलस्तर में कमी ही होती जा रही है।
चंद्रप्रभा में नहीं है पानी
चंद्रप्रभा बांध में पानी नहीं होने से बांध से निकली नहरों पानी के अभाव में सूखी नजर आ रही हैं। इसके चलते इस सिस्टम से जुड़े किसान धान की रोपाई को लेकर हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं। आने वाले दिनों में भी बारिश की स्थिति यही बनी रही तो धान की रोपाई कर पाना मुश्किल हो जाएगा।
बांधों में पानी का जलस्तर
मूसाखांड़- 340 फीट
नौगढ़ - 880 फीट
चंद्रप्रभा - 740 फीट
लतीफशाह-285.6 फीट
मुजफ्फरपुर -304.0 फीट
क्या कहते हैं अधिकारी
अधिशासी अभियंता चंद्रप्रभा केएन सिंह का कहना रहा कि कर्मनाशा सिस्टम में 35 दिन का पानी शेष है किंतु चंद्रप्रभा सिस्टम में पानी की कमी है। बारिश होने के बाद ही जलस्तर में वृद्धि हो सकती है।