Move to Jagran APP

चुनाव आयोग के नारों की बल्ले-बल्ले

By Edited By: Published: Wed, 23 Apr 2014 11:33 PM (IST)Updated: Wed, 23 Apr 2014 11:33 PM (IST)
चुनाव आयोग के नारों की बल्ले-बल्ले

चकिया (चंदौली) : समय चक्र का फेर देखिए। जिन चुनावी नारों से राजनीतिक दल लोगों को अपने पक्ष में करते थे वे अब चुनाव आयोग के पाले में चले गए हैं। नारों की गूंज अब राजनीतिक दलों के वालेंटियर के मुंह से नहीं फूट रहे। इसके उलट मतदाता जागरूकता के तहत नन्हें- मुन्नों के साथ सरकारी मुलाजिम व अफसरान रोचक चुनावी नारेबाजी करवा रहे हैं।

prime article banner

16वीं लोकसभा चुनाव में राजनीतिक परिदृश्य बदला है। हाइटेक चुनाव प्रचार का जमाना आ गया है। दिग्गज नेता धुंआधार प्रचार में जुट कर चुनावी माहौल बनाने मे लगे हैं। लोकतंत्र के शैशवास्था से ही दौरान चुनाव नारों ने अहम भूमिका निभाई है। देश निर्माण से लेकर गरीबी हटाने का नारा 70-80 के दशक का सबसे पसंदीदा स्लोगन होते थे। तख्त बदले दो ताज बदले दो .. भूखी जनता चुप न रहेगी धन व धरती बंट के रहेगी। दीया में तेल नहीं झोपड़ी अंहार बा आदि नारों ने जनता को खूब लुभाया। प्रत्येक लोस व विस चुनावों में नए-नए नारों का आविर्भाव होता था। बीते कुछ चुनावों में तो बाकायदे जनता को जगाने वाला नारा बुलंद किया जाता था। मसलन अटल आडवाणी कमल निशान मांग रहा .. गरीबों का साथ कांग्रेस का हाथ ..। या हाथी नहीं गणेश हैं ..। पत्थर रखों छाती पर मुहर लगाओ ..। जैसे नारों ने गांव शहर में खूब धमाल मचाया। पैरोडी सांग्स ने भी अपनी उपस्थिति से मतदाताओं को मस्ती में लाने का काम किया। दूसरी ओर अबकी दफा राजनीतिज्ञों के नारे न तो दीवारों पर ना ही पोस्टर-पंफलेटों पर ही देखने को मिल रहे हैं। चुनावी सरगर्मी को बढ़ाने वाले नारों से राजनीतिक दलों के किनारा कस लेने के पीछे भारत निर्वाचन आयोग की सख्त आदर्श चुनाव आचार संहिता हैं।

आयोग ने नारो के सन्नाटे को चुनाव में तोड़ने के लिए वाल राइटिंग के साथ ही हैंडबिल व पोस्टर का सहारा लिया है। मारो ठप्पा तान के कमल के निशान पे..के जगह आयोग ने नारा दिया सबकी सुने, सभी को जाने, निर्णय अपने मन की माने। इसी तरह दलों के नारे विकास के वास्ते-कांग्रेस के रास्ते के जगह आयोग का मतदान के दिन जो सोएगा पांच बरस मौका खोएगा का नारा देकर चुनाव की अहमियत समझने को झकझोर रहा है। तकनीक बदली तो आयोग ने मारो ठप्पा तान के स्थान पर बहकावे में कभी न आना, सोच समझ कर बटन दबाना .. का नारा देकर मतदान को परिपक्व बनाने का संदेश दिया है। आयोग ने स्कूल-कालेज व अन्य सरकारी भवन की दीवारों पर यह नारा लिखवाया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.