अमेरिका में अनशन पर 14 दिन से बैठा परमाणु वैज्ञानिक
शिकारपुर : अमेरिकी अदालत के गैर कानूनी आदेश के खिलाफ नजरबंद किए गए परमाणु वैज्ञानिक डा. तरुण कुमार भ
शिकारपुर : अमेरिकी अदालत के गैर कानूनी आदेश के खिलाफ नजरबंद किए गए परमाणु वैज्ञानिक डा. तरुण कुमार भारद्वाज को अनशन पर बैठे आज 14 दिन हो गए हैं। परिजनों ने बोल तक नहीं पाने के कारण अनशन खत्म करने की अपील की मगर अनशन जारी है। परिजनों को अब बेटे की रिहाई की उम्मीद कमजोर होती जा रही है।
नगर निवासी अमेरिका में परमाणु वैज्ञानिक डा. तरुण कुमार भारद्वाज के भाई प्रसून भारद्वाज व मां गिरजेश शर्मा ने बताया है कि मंगलवार को वैज्ञानिक को अमेरिका के ब्राजोश काउंट्री के डिटेंशन सेंटर पर किए जाने वाले अनशन का 14 वां दिन है। वहां की सरकार द्वारा अनशनकारी की बात नहीं सुने जाने से परेशान परिजनों ने बेटे को अनशन खत्म करने की सलाह दी है। बुजुर्ग मां ने कहा कि अब अनशन जैसी विचारधारा की कोई प्रासंगिकता नहीं रह गई है, मगर बेटे ने अनशन खत्म करने की परिजनों की अपील को ठुकरा दिया है। परिजनों ने बताया कि उन्होंने बेटे के समर्थन में यहां अनशन पर बैठने को कहा तो बेटे ने मनाही कर दी।
वैज्ञानिक व उसका परिवार अपने देश की सरकार द्वारा ठोस कार्रवाई नहीं किए जाने का आरोप लगा रहा है। वैज्ञानिक के हवाले से परिजनों ने बताया कि डिटेंशन सेंटर में नजरबंद रखे जाने के बावजूद कोई सबूत नहीं दिखाया गया है और न ही चार्ज सीट दाखिल की गई है। उसकी ¨चता का कारण यह है कि सरकारी वकील द्वारा कहा जाता है कि बाहर निकल कर क्या करोगे? आगे बताया कि पिछले एक साल से एफबीआई तथा अन्य जांच एजेंसियां उस पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। अब परिजनों को डर सता रहा है कि उनका बेटा परमाणु वैज्ञानिक है, इसलिए शायद अमरीका उसे रिहा ही नहीं करे। परिजनों ने बेटे को कानूनी, वित्तीय व अन्य सहायता दिलाए जाने की मांग की है। बता दें कि नस्लवादी मानसिकता के चलते पेंटागन में एक गोपनीय प्रोजेक्ट पर कार्य करने वाले डा. तरुण भारद्वाज का विभिन्न तरीकों से उत्पीड़न किया जा रहा है। फिलहाल, उसे पागल करार देने की पूरी कोशिश की जा रही है।