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भाजपा के लिए कितना प्रभावी होगा कल्याण फैक्टर ?

बुलंदशहर : बेशक, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण ¨सह इस समय राजस्थान के राज्यपाल हैं और चुनावी राजनीति से द

By Edited By: Published: Mon, 16 Jan 2017 10:43 PM (IST)Updated: Mon, 16 Jan 2017 10:43 PM (IST)
भाजपा के लिए कितना प्रभावी होगा कल्याण फैक्टर ?
भाजपा के लिए कितना प्रभावी होगा कल्याण फैक्टर ?

बुलंदशहर : बेशक, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण ¨सह इस समय राजस्थान के राज्यपाल हैं और चुनावी राजनीति से दूर हैं, लेकिन भाजपा के लिए उनका बड़ा महत्व है। इसका उदाहरण पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लखनऊ रैली में भी देखने को मिला था। प्रधानमंत्री ने उनके मुख्यमंत्रीत्व काल का जिक्र किया था। पिछले विधानसभा चुनाव में कल्याण ¨सह जनक्रांति पार्टी के बैनर तले चुनाव मैदान में थे। जिले में सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारने के बावजूद उनकी पार्टी का खाता भी नहीं खुला था। हालांकि जिले की चार सीटों पर भाजपा की हार का कारण उनके उम्मीदवार बने थे। इस बार कल्याण फैक्टर के सहारे लोध व अन्य मतों को लुभा भाजपा सुनहरे सपने संजो रही है। हालांकि अन्य दल अपनी रणनीति के सहारे भगवा खेमे को पटखनी देने की रणनीति बना रहे है।

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जिले की राजनीति में लंबे समय से कल्याण ¨सह का प्रभाव रहा है। वह यहां से लोकसभा और विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। लोध मतों पर उनका विशेष प्रभाव माना जाता रहा है। पिछले विधानसभा चुनाव में कल्याण ¨सह जनक्रांति पार्टी के बैनर तले चुनाव मैदान में थे। जिले में सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारने के बावजूद पार्टी का खाता भी नहीं खुला था। उनके पुत्र राजवीर ¨सह तक चुनाव हार गए थे। इसके बावजूद डिबाई, स्याना, अनूपशहर और बुलंदशहर में उनके प्रत्याशियों का मैदान में होना भाजपा की हार का प्रमुख कारण माना गया था। कल्याण फैक्टर ने भाजपा की लुटिया डुबाने में Þहम तो डूबेंगे सनम..Þ को चरितार्थ कर दिया था।

डिबाई से उनके पुत्र राजवीर ¨सह को सपा के गुड्डू पंडित 3597 मतों से हराने में सफल रहे थे। भाजपा प्रत्याशी रवेंद्र ¨सह मात्र 3419 मत पाकर पांचवे नंबर पर रहे थे। उनकी जमानत भी जब्त हो गई थी। बुलंदशहर में बसपा प्रत्याशी हाजी अलीम ने भाजपा प्रत्याशी वीरेंद्र ¨सह सिरोही को 6947 मतों से पटखनी दी थी। जनक्रांति पार्टी के प्रत्याशी संजीव रामा 20660 मत पाने में सफल रहे थे। अनूपशहर सीट पर बसपा प्रत्याशी गजेंद्र ¨सह ने सपा के हिमायत अली को 3501 मतों से हराया था। तीसरे नंबर पर रहे जनक्रांति पार्टी के होशियार ¨सह ने 41296 मत पाकर मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई थी। भाजपा प्रत्याशी डा. छत्रपाल ¨सह 12247 मतों के साथ पांचवे स्थान पर रहे थे। उनसे अधिक मत 21532 रालोद के राजीव चौधरी लेने में सफल रहे थे। स्याना सीट पर कांग्रेस के दिलनवाज खान ने बसपा के देवेंद्र भारद्वाज को 1662 मतों से हराया था। तीसरे स्थान पर जनक्रांति पार्टी के सुंदर ¨सह 42470 मतों के साथ रहे थे। भाजपा के वीरेंद्र राणा मात्र 9045 मत पाकर पांचवे स्थान पर आए थे। खुर्जा, सिकंदराबाद और शिकारपुर में जनक्रान्ति पार्टी कुछ खास नहीं कर पाई थी। राजनीति के जानकारों का कहना है कि कल्याण ¨सह भले ही सक्रिय राजनीति से दूर हों, लेकिन उनके प्रभाव को नकारा नहीं जा सकता। विधानसभा चुनाव में जिले में कल्याण फैक्टर का लाभ उठाने का भाजपा प्रयास करेगी, लेकिन विपक्ष भी पूरी तैयारी के साथ मैदान में है। ऐसे में चुनाव परिणाम आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।


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