डुप्लीकेट मतदाता पहचान पत्र बनवाने में लाखों के वारे-न्यारे
बुलंदशहर : दो साल पहले मतदाता पुनरीक्षण अभियान के दौरान डुप्लीकेट मतदाता पहचान पत्र बनवाने के लिए जम
बुलंदशहर : दो साल पहले मतदाता पुनरीक्षण अभियान के दौरान डुप्लीकेट मतदाता पहचान पत्र बनवाने के लिए जमा की गई फीस के लाखों रुपये का सहायक निर्वाचन कार्यालय (मोतीबाग) में हिसाब-किताब नहीं है। एक लाख से अधिक मतदाताओं की जमा फीस में से महज 65 हजार कार्ड ही आए हैं, जबकि बाकी मतदाताओं को दो साल में आई कार्ड नहीं मिला। तत्कालीन सुपरवाइजर व रिटायर एडीओ कृषि ने मुख्य निर्वाचन आयोग को शिकायत भेजकर जांच कराने की मांग उठाई है।
सहायक निर्वाचन अधिकारी (मोतीबाग) से वर्ष 2014 में मतदाता पुनरीक्षण अभियान चला था। बीएलओ पर निगरानी को सुपरवाइजर रखे गए थे। विभाग के मुताबिक, अभियान के दौरान करीब 1 लाख से अधिक मतदाताओं ने डुप्लीकेट पहचान पत्र बनवाने के लिए शुल्क जमा किए थे। अब तक करीब 65 हजार आइकार्ड बनकर आए हैं, जबकि बाकी मतदाता आई कार्ड के लिए चक्कर लगा रहे हैं। आई कार्ड न होने से कई बार चुनाव में परेशानी उठानी पड़ती है। दो साल पहले मतदाता पुनरीक्षण अभियान में तत्कालीन सहायक विकास अधिकारी (कृषि) कृष्ण गोपाल यादव की सिकंदराबाद तहसील में निगरानी के लिए सुपरवाइजर के पद पर लगाई थी। बकौल, सुपरवाइजर डुप्लीकेट व संशोधित मतदाता पहचान पत्र के लिए 25 रुपये प्रति कार्ड के हिसाब से छह हजार मतदाताओं की रसीद काटकर फीस तहसील के आरके बाबू के यहां जमा कराई थी। दो साल में भी कार्ड न मिलने पर लोगों के फोन रिटायर हो चुके एडीओ कृषि पर आ रहे हैं। कृष्ण गोपाल यादव ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी लखनऊ को शिकायती पत्र देकर कहा है कि उसकी काटी गई रसीद के पैसे आरके बाबू के पास जमा कराने के बावजूद निर्वाचन कार्यालय मोतीबाग में हिसाब-किताब नहीं है। जबकि मतदाता आज भी मोबाइल नंबर अंकित होने की वजह से फोन कर डुप्लीकेट आईडी मांगते हैं। उन्होंने डुप्लीकेट आईडी बनवाने के नाम पर लाखों की हेराफेरी होने की शिकायत कर प्रशासनिक स्तर पर जांच कराने की मांग उठाई है।
इन्होंने कहा..
आई कार्ड चेन्नई से बनकर आता है। अभी तक 65 हजार कार्ड आए हैं। यह मामला उनके कार्यकाल का नहीं है।
- वीरेंद्र कौशिक, सहायक निर्वाचन अधिकारी (मोतीबाग)।