'धुएं' में उड़ रहे पटाखे बिक्री के नियम कायदे
बुलंदशहर : आए दिन दूसरे शहरों में पटाखों से होने वाले हादसों से भी प्रशासन सबक नहीं ले रहा है। दीव
बुलंदशहर :
आए दिन दूसरे शहरों में पटाखों से होने वाले हादसों से भी प्रशासन सबक नहीं ले रहा है। दीवाली के त्योहार पर पटाखों की बिक्री शुरू हो गई है, लेकिन पटाखे दुकानों की जांच-पड़ताल सिर्फ कागजों में सिमट कर रह गई है। थोक विक्रेताओं ने लाइसेंस क्षमता से कई गुना अधिक पटाखे गोदामों में भर रखे हैं। उधर, नगर क्षेत्र में अब तक 55 लोगों ने पटाखे की अस्थाई दुकानें लगाने की अनुमति
नगर मजिस्ट्रेट से मांगी है। हालांकि अभी तक किसी को अनुमति नहीं दी गई है। तहसील क्षेत्रों में भी एसडीएम के यहां भी अस्थाई दुकान लगाने के लिए आवेदन आ रहे हैं।
जिले में थोक आतिशबाजी के 47 लाईसेंस धारक हैं, जिनका लाइसेंस आगरा का बना हुआ है। वहीं से नवीनीकरण भी हुआ है। वैसे बड़े लाइसेंस के कारोबारी गुलावठी, सिकंदराबाद व खुर्जा में हैं। दीपावली के त्योहार पर प्रशासन एक निर्धारित स्थान पर ही पटाखे की दुकानें लगाने की अनुमति देता है। इसके लिए अस्थाई लाइसेंस मजिस्ट्रेट के स्तर से जारी किए जाते हैं। नगरीय क्षेत्र में 55 दुकानदारों ने अस्थायी दुकान लगाने को अनुमति के लिए नगर मजिस्ट्रेट को आवेदन किया है। इसके अलावा तहसील क्षेत्रों में एसडीएम के यहां भी आवेदन दाखिल किए जा रहे हैं। हालांकि अस्थायी दुकानें लगाने के लिए अभी तक कोई अनुमति प्रशासन की तरफ से नहीं दी गई है। गुरुवार को संभवत: लाइसेंस जारी किए जाएंगे। सबसे अहम बात यह है कि थोक विक्रेताओं के पास कितना स्टॉक है इसका ब्योरा प्रशासन के पास नहीं है, जबकि नियमानुसार 11 कुंतल से अधिक पटाखे नहीं रख सकते हैं। पिछले दिनों वाणिज्यकर विभाग ने जिले में लाए जा रहे लाखों कीमत के पटाखों पर कर चोरी पकड़ी थी।