कुत्ता काटे तो रेबीज का कोर्स अवश्य पूरा करें
बुलंदशहर:रेबीज खतरनाक बीमारी है, एक बार रेबीज वायरस शरीर में फैल जाए तो बचना नामुमकिन है। लेकिन यदि
बुलंदशहर:रेबीज खतरनाक बीमारी है, एक बार रेबीज वायरस शरीर में फैल जाए तो बचना नामुमकिन है। लेकिन यदि समय पर इंजेक्शन लगवाने का कोर्स पूरा कर लिया जाए तो 100 फीसदी बचाव भी है। स्वास्थ्य विभाग के अफसर रैबिज से बचाव में जागरूकता ही अहम साधन मानते हैं। इसी का नतीजा है कि आजकल निजी एवं सरकारी अस्पतालों में रैबिज का इंजेक्शन लगवाने वालों की भीड़ लगी रहती है।
सीएमओ डा. दीपक ओहरी ने बताया कि रैबिज एक वायरस इन्फेक्शन है। जानवर के काटने पर यह वायरस कुछ दिनों में प्रभावित व्यक्ति के दिमाग पर अटैक करता है। दिमागी इन्सेफेलाइटिस होने पर दिमाग की नसें सूज जाती हैं। रोगी को बुखार रहता है और तबीयत बिगड़ने पर पानी से घबराने लगता है। उन्होंने बताया कि रैबिज का वायरस जन्म देने वाले किसी भी जानवर के काटने से शरीर में फैल सकता है। काटे जाने के 15 दिन बाद से तीन साल तक शरीर में रैबिज फैलने का खतरा बना रहता है।
जानवर चाटे-काटे तो रखें ध्यान
सीएमओ ने बताया कि किसी भी जानवर के चाटने से, गर्दन के नीचे या फिर हाथ-पैर के पंजों के नीचे काटने से वायरस शरीर में फैल सकता है। लेकिन यदि गर्दन के ऊपर काटा जाता है तो वायरस के और तेजी से फैलने का खतरा रहता है। इसलिए सतर्क रहने की जरूरत है।
अवश्य कराएं तीन महीने का कोर्स
सीएमओ डा दीपक ओहरी ने बताया कि रैबिज इंजेक्शन लगने के बाद छह इंजेक्शन का कोर्स होता है। इसमें शून्य महीने, तीन दिन, सात दिन, 14 दिन, 28 दिन और 90 दिन पर इंजेक्शन लगवाना जरूरी है। जानवर के काटने पर निजी या चिकित्सीय स्तर से घाव की सफाई करा लें। प्राइवेट मेडिकल स्टोर पर इंजेक्शन 300 रुपये में उपलब्ध है, जबकि सरकारी अस्पतालों में इंजेक्शन मुफ्त में लगाया जाता है।