स्कूल खुलने का इंतजार करते रहे बच्चे
खुर्जा , (बुलंदशहर) : शिक्षा का स्तर आखिर सुधरे, तो कैसे सुधरे? जब स्कूल में बच्चे पहले आए जाए और स्
खुर्जा , (बुलंदशहर) : शिक्षा का स्तर आखिर सुधरे, तो कैसे सुधरे? जब स्कूल में बच्चे पहले आए जाए और स्कूल खुला भी ना हो। ऐसे में बच्चों के पास केवल स्कूल के गेट के बाहर खड़ा होकर शिक्षकों और स्कूल खुलने के इंतजार के अलावा और कोई चारा नहीं रह जाता। सरकारी स्कूलों का यही हाल होने के कारण सरकार से करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी पढ़ाई का स्तर नहीं सुधर पा रहा है।
अरनिया ब्लाक क्षेत्र के गांव बाढ़ा स्थित प्राथमिक विद्यालय का इन दिनों बुरा हाल है। पिछले कई दिनों से विद्यालय देरी से खुल रहा है। बुधवार को भी विद्यालय का यहीं हाल रहा। प्रात साढ़े नौ बजे विद्यालय के बाहर काफी बच्चे स्कूल खुलने का इंतजार कर रहे थे। बच्चों ने बताया कि अधिकतर समय विद्यालय देरी से ही खुलता है। उन्हें विद्यालय में अंदर जाने के लिए गुरुजी के आने का इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में जहां एक ओर केंद्र और प्रदेश सरकार विद्यालयों पर करोड़ों रुपये खर्च करके शिक्षा के स्तर को सुधारने का प्रयास कर रही है, लेकिन उसके बाद भी विभागीय खामियों और लापरवाही के चलते शिक्षा के स्तर में सुधार नहीं हो पा रहा रहा। गांव बाढ़ा निवासी रमेश, दिनेश, रामबीर ¨सह, गजेंद्र, रवि आदि ने बताया कि सरकारी स्कूल में अच्छी पढ़ाई नहीं होने के कारण वह अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ा रहे हैं। उन्होंने बताया कि गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय ब धवार सुबह को ही नहीं इससे पहले भी कई बार देरी से खुला है। उन्होंने शिकायतों के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने की बात कही है।