'किसानों में हाहाकार, संवेदनहीन है पूरा सिस्टम'
बुलंदशहर: बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के बाद अब शासन-प्रशासन की संवेदनहीनता किसानों को खून के आंसू रुल
बुलंदशहर: बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के बाद अब शासन-प्रशासन की संवेदनहीनता किसानों को खून के आंसू रुला रही है। सरकारी तौल केंद्रों पर किसानों को परेशान किया जा रहा है, नतीजन वे मंडियों में कौड़ी के भाव अपनी फसल बेचने को मजबूर हैं। कर्ज में डूबे किसानों में हाहाकार लेकिन 'व्यवस्था' उनकी सुन नहीं रही है।
रालोद जिलाध्यक्ष राजीव चौधरी ने शुक्रवार को आवास विकास कालोनी स्थित पार्टी कार्यालय पर प्रेस वार्ता में कहा कि फसल तबाह हो गई, किसान बैंक-साहूकारों का कर्ज कैसे उतारेगा? बेटी की शादी कैसे होगी, बच्चों की फीस कैसे भरेगा? यह ¨चता उन्हें खाये जा रही है। इसी से निराश 30 से अधिक किसानों की असमय मौत हो गई। हद तो यह है कि मरने वाले किसानों के परिवार की सुध लेने को प्रशासन के पास समय नहीं है। तौल केंद्र, मुआवजा वितरण, सर्वे आदि को लेकर तबाह किसान अपनी समस्या लेकर अफसर के पास जाता है, उसे फटकार का भगा दिया जाता है।
राजीव चौधरी ने सत्ताधारी पार्टी के नेताओं द्वारा मुआवजा चेक वितरित करने पर सवाल उठाए। कहा प्रशासन शासन के बंधुआ मजदूर की तरह काम कर रहा है। सिर्फ सपा नेताओं की सुनी जा रही है, विपक्षी पार्टी नेताओं को डीएम-एएसपी सुनते नहीं है। इन्हीं अराजकताओं के खिलाफ मई के पहले माह में पार्टी मुखिया अजित ¨सह के नेतृत्व में जिले में रैली होगी।
नवनियुक्त प्रदेश उपाध्यक्ष मौजूद अली ने कहा कि इतना कम मुआवजा किसानों के मुंह पर तमाचा है। कम से कम किसानों को उचित लागत मूल्य तो मिले। नवनियुक्त प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य बिजेंद्र चौधरी ने कि रालोद किसानों की असल हमदर्द है। बता दें कि दो दिन पूर्व घोषित प्रदेश कार्यकारिणी में मौदूद अली को उपाध्यक्ष और बिजेंद्र ¨सह को सदस्य बनाया गया है।