वेस्ट यूपी में ट्रेन का विकल्प होगी मेट्रो
खुर्जा, बुलंदशहर : रेल मंत्री ने 26 फरवरी को संसद में रेल बजट पेश कर दिया। पश्चिमी यूपी को इस बार भी
खुर्जा, बुलंदशहर : रेल मंत्री ने 26 फरवरी को संसद में रेल बजट पेश कर दिया। पश्चिमी यूपी को इस बार भी रेल बजट में निराशा हाथ लगी। सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ सहित बुलंदशहर के लोगों को इस बार मोदी सरकार से काफी अपेक्षा थी, लेकिन मोदी सरकार बजट पर खरी नहीं उतर सकी। रेल बजट पेश होने के बाद दैनिक जागरण के संवाददाता आशीष गुप्ता ने रेल मंत्रालय के संयुक्त सचिव प्रेमपाल शर्मा से कई मुद्दों पर बातचीत की। बातचीत के प्रमुख अंश :
प्रश्न : रेल बजट को लेकर वेस्ट यूपी के लोग निराश हैं।
उत्तर : दिल्ली से बुलंदशहर और मेरठ की दूरी बहुत कम है। आवागमन के लिए संसाधन बहुत अधिक हैं। मेट्रो तेजी से विकसित हो रही है। बजट पेश होने से पहले पश्चिमी यूपी नहीं, पूरे देश के बारे में सोचना पड़ता है। यहां रेल का विकल्प मेट्रो बनकर उभर रही है। केरल तो पर्यटन के लिए जाना जाता है वहां के लिए दिल्ली से केवल एक रेल है। हमने केवल आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के उद्देश्य से बजट पेश किया है।
प्रश्न : केन्द्रीय मंत्री महेश शर्मा ने द्वारा की गई एक भी मांग रेल मंत्री ने पूरी नहीं की।
उत्तर : देखिए, मैं पहले ही बता चुका हूं कि इस बार रेलवे बजट में कोई लुभावनी घोषणा नहीं की गई है। पिछली जितनी घोषणाएं की गई थीं, उनको क्रियान्वित करते हुए आधुनिकता पर जोर दिया गया है। देश में कहीं भी कोई नई ट्रेन नहीं चलाने का निर्णय सराहनीय है।
प्रश्न : 9 रेलवे मार्ग पर 200 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से रेल चलाने की घोषणा की गई है। क्या यह संभव है?
उत्तर : मैं मानता हूं कि रेलवे मार्ग जर्जर हैं। काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, लेकिन इस घोषणा से पहले एक्शन प्लान तैयार किया गया है। हमें विश्वास है कि हम इस घोषणा को जल्द पूरा करेंगे।
प्रश्न : 970 रेलवे क्रासिंग पर ओवरब्रिज बनाने का लक्ष्य है। यूपी में कितने ओवरब्रिजों का निर्माण होगा।
उत्तर : सर्वे में यूपी में भी काफी संख्या में ओवरब्रिज बनाने का लक्ष्य रखा गया है। स्थानों के बारे में फिलहाल अभी कोई जानकारी देने में असमर्थ हूं।
देश के बड़े साहित्यकारों में होती है शर्मा की गिनती
रेल मंत्रालय में संयुक्त सचिव होने के साथ-साथ प्रेमपाल शर्मा की गिनती देश के नामी साहित्यकारों में भी होती है। केन्द्र सरकार से प्रेमपाल को कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं। प्रेमपाल पिछले कई वर्षों से कई आइएएस अफसरों के साथ मिलकर शिक्षा में बदलाव के लिए काम कर रहे हैं। देश में कई स्थानों पर वह लाइब्रेरी की भी स्थापना कर चुके हैं। बुलंदशहर के पहासू के गांव दीघी निवासी प्रेमपाल की शिक्षा खुर्जा के एनआरईसी कालेज में हुई।