सातवें दिन की गई कालरात्रि की आराधना
खुर्जा, (बुलंदश्हार): शारदीय नवरात्र के सातवें दिन मां के सातवें स्वरूप कालरात्रि की आराधना की गई। म
खुर्जा, (बुलंदश्हार): शारदीय नवरात्र के सातवें दिन मां के सातवें स्वरूप कालरात्रि की आराधना की गई। मंदिर मां के जयकारों से गूंज उठे और भक्त कतारवद्ध होकर माता रानी के दर्शन के लिए खड़े रहे। सुरक्षा व्यवस्था को मद्देनजर रखते हुए मंदिर परिसर के बाहर पुलिस बल तैनात किया गया है।
बुधवार को मां दुर्गा की सातवें स्वरूप कालरात्रि की पूजा-अर्चना विधि-विधान से की गई। माता को काले रंग की पोशाक धारण कराई गई और माता रानी को केले का भोग लगाया गया। देवी भगवती का सातवां स्वरूप अनंत है। कालरात्रि काल को जीतने वाली। जन्म, पालन और काल यह देवी के तीन स्वरूप हैं। मृत्यु न हो तो क्या हो, सृष्टि का संयोजन और संचालन इन्हीं काली जी की कृपा का फल है। जिन वस्तुओं और प्राणियों से जीव दूर भागता है, वह काली मां को प्रिय है। एक बार देवी मां को शिव ने काली कह दिया, इसलिए उनका नाम काली पड़ गया। माता काली की पूजा से सबकुछ सिद्ध होता है। नवदुर्गा शक्ति मंदिर में नवरात्र के सातवें दिन भक्तों की भीड़ उमड़ी। मंदिर परिसर के बाहर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा के बंदोबस्त किए गए हैं। इस मौके पर सत्यप्रकाश, डा. भूदत्त शर्मा, विकास वर्मा, निमिष गर्ग, सुनील गुप्ता आढ़ती, राजकुमार पोद्दार आदि का विशेष सहयोग रहा।