हादसे ने बुझा दिए दो घरों के चिराग
बुलंदशहर : बस हादसे में वैसे तो दर्जनों लोग झुलस गए और लगभग दर्जनभर को जान से हाथ धोना पड़ा, मगर हादसे का यह दर्द दो परिवारों के लिए गाज गिरने से कम नहीं है। हादसे ने इन दोनों परिवारों के चिराग बुझा दिए। दर्दनाक ये है कि दोनों परिवारों के दो-दो बच्चे मौत के आगोश में समा गए।
असावारी निवासी शेरपाल व उसकी पत्नी धर्मवती अपने दो बेटों हैप्पी और देवेश के साथ बस में सवार थे। हादसे में पूरा का पूरा परिवार झुलस गया। दंपती दिल्ली के अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच खडे़ हैं। वहीं दोनों मासूमों ने बीच रास्ते में ही दम तोड़ दिया। यही कुछ कहानी जहांगीराबाद निवासी जमील की है। जमील पत्नी शन्नो और दो बेटों अरशद व अजीम के साथ गांव वापस लौट रहा था कि मौत के पंजे ने दोनों से उनके दिल के टुकड़ों को छीन लिया।
शेरपुर के छह लोग झुलसे
अनूपशहर: क्षेत्र क गांव शेरपुर निवासी हबीब की 60 वर्षीया पत्नी
गुलशन अपनी बेटी शबाना पत्नी चांद बाबू निवासी सूफी कालोनी खुर्जा को अपने साथ लेकर गांव शेरपुर आ रही थी। उसके साथ शबाना की बेटी शमा (8), बेटा समीर (6), बेटा इस्माइल (4), बेटी चांदनी(2) भी आ रहे थे। बस में आग लगने से सभी बुरी तरह से झुलस गये। गुलशन व शबाना गम्भीर घायल हैं, उनका उपचार सफदरजंग व बच्चों का उपचार राममनोहर लोहिया चिकित्सालय दिल्ली मे हो रहा है।