कौन कर रहा राजनीति,छात्र, पुलिस-प्रशासन या डायट?
राहुल सक्सेना, बुलंदशहर
कालेज में छात्राओं के साथ छेड़छाड़ होती है, विरोध करने पर अभद्रता की जाती है, विरोध करने वालों को कालेज से निकालने की धमकी दी जाती है। शिकायत पर कोई गौर नहीं करता। जब मुख्यालय के अधिकारियों को छात्राएं अपना दुखड़ा सुनाती हैं तो मामले की एफआईआर दर्ज तो हो जाती हैं। लेकिन अपराधियों पर मेहरबानी के लिए मशहूर पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती। आखिर इस सिस्टम को हो क्या रहा है? ऐसे में छात्र छात्राएं खुद को और भी असुरक्षित और अपमानित महसूस करने लगते हैं।
आरोपी की गिरफ्तारी के लिए डायट परिसर में भूख हड़ताल शुरु कर देते हैं। बावजूद इसके सिर्फ आश्वासन ही मिलता है। कमाल इस बात का है कि उच्च शिक्षा प्राप्ति के सर्टिफिकेट लेकर मुख्यालय के पदों पर आसीन इन अधिकारियों को छात्र छात्राओं की मनोदशा का जरा भी भान नहीं। जबकि यहि वह दशा है जब समय से न्याय नहीं मिलने पर व्यक्ति अवसाद का शिकार होकर आत्महत्या तक कर लेता है। क्या अधिकारियों को ऐसी ही किसी घटना का इंतजार है। आखिर गंभीर धाराओं में मामला दर्ज होने के बाद भी कालेज प्रबंधक और उसके बेटे को क्यों गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है। यहां प्रशासन के जमीर का सौदा तो नहीं हो गया। बसंती देवी डिग्री कालेज गुलावठी छेड़छाड़ प्रकरण में अब यही आभास होने लगा है।
बुधवार को कालेज प्रबंधक को प्रशासन ने बुलाया उनसे छात्रों की समस्या को लेकर वार्ता की, प्रबंधक डायट भी पहुंचे, लेकिन वहां से सीओ सिटी ने उन्हें तत्काल हटा दिया और छात्रों के साथ अभद्र व्यवहार किया। इस घटना से साफ होता है कि पुलिस प्रशासन प्रबंधक को बचा रहा है।
-डेढ़ माह पूर्व हुआ मुकदमा दर्ज
कालेज प्रबंधक अनिल कुमार तेवतिया एवं उनके पुत्र लव कुमार पर लगभग डेढ़ माह पहले गुलावठी थाने में 420, 354, 504 और 506 धाराओं में मुकदमा दर्ज हो चुका है। छात्र लगातार उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन भी कर रहे हैं, लेकिन पुलिस उन्हें फरार बताकर पल्ला झाड़ रही थी। बुधवार को पुलिस ही प्रबंधक को छिपाने का कार्य कर रही थी। इससे साफ है कि पुलिस का प्रबंधक व उनके पुत्र को संरक्षण मिला हुआ है। अब तक उनकी गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई है।