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श्मशान की भूमि पर अस्पताल के प्रस्ताव का विरोध

By Edited By: Published: Fri, 19 Sep 2014 11:14 PM (IST)Updated: Fri, 19 Sep 2014 11:14 PM (IST)
श्मशान की भूमि पर अस्पताल के प्रस्ताव का विरोध

बुलंदशहर : गुलावठी ब्लाक के गांव छपरावत के लोगों ने श्मशान की भूमि पर अस्पताल बनाए जाने के प्रस्ताव का विरोध करते हुए कलक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। निर्माण कार्य न रुकने पर भूख हड़ताल की चेतावनी दी है।

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छपरावत गांव के महिला-पुरुष शुक्रवार को कलक्ट्रेट पहुंचे। यहां नारेबाजी प्रदर्शन करते हुए श्मशान की भूमि पर अस्पताल का निर्माण रोकने की मांग की। उनका कहना था कि वे जाटव समाज के लोग हैं। वर्षो से वे लोग श्मशान की भूमि पर शवों का अंतिम संस्कार करते आ रहे हैं। ग्राम प्रधान पर आरोप लगाया कि उन्होंने गोपनीय तरीके से इस जमीन पर सरकारी अस्पताल का प्रस्ताव भेज दिया है और वहां निर्माण की तैयारी चल रही है।

आरोप यह भी लगाया कि श्मशान के बराबर में ही कुछ जमीन थी, जिस पर वे लोग बिटौरे लगाते थे। प्रधान ने रंजिशन वहां जेसीबी चलवा दी। इसके साथ ही जाटव बस्ती के मकान भी गिरवा दिए गए। उनका कहना था कि इस बाबत बीडीओ से शिकायत की तो उन्होंने कहा कि मकान नहीं तोड़े गए हैं, बल्कि सिर्फ मनरेगा के तहत तालाब की सफाई के आदेश दिए थे। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि तीन और तालाब हैं, जो दबंगों के कब्जे में हैं। उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। नारेबाजी प्रदर्शन के बाद उन्होंने अतिरिक्त उप जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। इसमें श्मशान भूमि पर निर्माण कार्य न रोके जाने पर भूख हड़ताल की चेतावनी दी है।

प्रदर्शनकारियों में गंगा शरण, वेद प्रकाश, चंद्रपाल, प्रमोद कुमार, सतीश कुमार, राजू, विजेंद्र, सरोज, प्रकाशी, सत्यपाल सिंह, गंगाराम, कौशल्या, वीरवती, बबली, विमलेश, ओमवती, पुष्पा, विद्या, सत्तो, दुलारी, कृष्णा आदि शामिल रहे।


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