अवैध खनन जारी, माफिया को पुलिस का अभयदान
बुलंदशहर : अवैध खनन के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश धराशाई हो रहे हैं। अव्वल तो प्रशासन मिट्टी और बालू के अवैध खनन पर अंकुश ही नहीं लगा पा रहा, जो मामले पकड़े भी जा रहे हैं, उन्हें पुलिस अपने स्तर से रफा-दफा कर दे रही है। एडीएम ने सभी एसडीएम को प्रभावी कार्रवाई कर खनन रोकने के निर्देश जारी किए हैं।
सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन टिब्यूनल ने अवैध रूप से हो रहे मिट्टी और बालू खान एवं परिवहन पर प्रभावी कार्रवाई के आदेश जारी कर रखे हैं। पर्यावरण के मानकों को ध्यान में रखते हुए अनापत्ति प्रमाण पत्र के बाद ही खनन किया जा सकता है। इसके आलोक में शासन ने भी सभी जिलों को आदेश जारी किए हैं। विगत 10 अप्रैल को भी प्रमुख सचिव चंद्र प्रकाश ने सभी डीएम को पत्र जारी किए। यह सुनिश्चित करने को कहा कि किसी भी दशा में अवैध खनन और परिवहन न होने पाए। साथ ही पाक्षिक रूप से निदेशक भूतत्व एवं खनि कर्म व शासन को रिपोर्ट प्रेषित करने के आदेश दिए थे।
बावजूद इसके अवैध खनन नहीं रुक रहा है। गंगा तटीय क्षेत्रों खासकर अनूपशहर और अहार में दिन छिपे और तड़के व्यापक पैमाने पर बालू का खनन हो रहा है। इसके अलावा मिट्टी का खनन भी अंधाधुंध चल रहा है। सिकंदराबाद क्षेत्र में ज्यादा मामले हैं। बड़ी बात यह है कि प्रशासन अगर कोई वाहन पकड़ भी रहा है तो पुलिस ले-देकर छोड़ दे रही है। पिछले दिनों चोला क्षेत्र में तहसीलदार द्वारा सुपुर्दगी में दिए गए वाहन को पुलिस ने छोड़ दिया था। इस पर एडीएम ने एसएसपी को कार्रवाई के लिए भी लिखा था। फिर भी पुलिस की मनमानी थमी नहीं है। सिकंदराबाद के केस में गुरुवार को कलक्ट्रेट में पता चला कि वहां एक पुलिस अधिकारी के कहने पर कई वाहन छोड़ दिए गए।
ऐसी शिकायतें मिलने पर एडीएम वित्त एवं राजस्व आरके सिंह ने सभी एसडीएम व खान निरीक्षक को पत्र जारी किए हैं। उन्हें औचक निरीक्षण कर कार्रवाई करने और उससे अवगत कराने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस के स्तर से अगर नियमविरुद्ध कुछ हो रहा है तो उसके लिए भी उच्चाधिकारियों को लिखा जाएगा।