मुफीद नहीं है हाईवे का सफर
बिजनौर : जिले में हाईवे का सफर कम खतरनाक नहीं है। समय-समय पर यहां भी घटनाएं होती रही है। जिले
बिजनौर :
जिले में हाईवे का सफर कम खतरनाक नहीं है। समय-समय पर यहां भी घटनाएं होती रही है। जिले से दो नेशनल व पांच स्टेट हाईवे गुजरते हैं। नेशनल हाईवे से ट्रैफिक पुलिस का पहरा पूरी तरह नदारद है। हाइवे पर पुलिस चौकी व चेकपोस्ट बनी हुई है, लेकिन चे¨कग कहीं नहीं दिखाई देती है। कई स्थानों पर स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था नहीं हैं और तीव्र मोड़ भी है।
जनपद में हाइवे का जाल फैला हुआ है। मेरठ- पौड़ी व देहरादून -नैनीताल नेशनल हाइवे यहां से गुजरते हैं। इसके अलावा पांच स्टेट हाइवे भी यहां से निकलते हैं। पिछले दिनों हाइवे की सुरक्षा के लिए सात इनोवा व 49 बुलेरो पुलिस महकमे को मिले थी। इसके अतिरिक्त पुलिस चौकी व चेकपोस्ट भी बनी हुई है। मगर रात के समय हाईवे सुनसान हो जाते हैं। पिछले दिनों बिजनौर किरतपुर के बीच गांव स्वाहेड़ी के पास बदमाशों ने टावर के सामान से भरा छोटा हाथी लूट लिया था। वहीं बैराज के बाद एक स्विफ्ट डिजायर गाड़ी भी लूट ली गई थी। इसके अलावा समय-समय पर हाईवे पर लूट होती रही है। मगर रात के समय पुलिस की गश्त व चे¨कग नाममात्र की होती है। बदमाश आसानी से वारदात कर निकल सकता है।
देहरादून-नैनीताल एनएच-74 पर 24 घंटे वाहनों का आवागमन रहता है। उत्तराखंड से पश्चिमी यूपी को जोड़ने वाले इस हाईवे पर हर समय रोडवेज बसों के साथ ही निजी वाहनों का भी बोझ रहता है। धामपुर से पहले ग्राम हबीबवाला में हाईवे किनारे पुलिस पिकेट रहती है। इसके बाद नगर नगीना चौराहा व आरएसएम तिराहे पर पुलिस पिकेट तैनात रहती है। इसके अलावा शेरकोट बैराज, मुबारकपुर कुंडा व भूतपुरी पुल के पास भी पुलिस पिकेट तैनात रहती है। कासमपुरगढ़ी, रायपुरी बार्डर व बादीगढ़ में भी पुलिस पिकेट हैं। इस मार्ग पर आए दिन हादसे घटित होते रहते हैं। वाहन चालकों का यातायात नियमों का पालन नहीं करना, सड़क की कम चौड़ाई व पथ प्रकाश की समुचित व्यवस्था नहीं होने के चलते हर पल हादसे का अंदेशा बना रहता है। ट्रैफिक पुलिस इस हाइवे पूरी तरह नदारद है। रेहड़ में पीली नदी पुल व चोरखला नदी के पुल के पास हर समय खतरा बना रहता है। गनीमत है कि इस क्षेत्र में लूटपाट या हत्या जैसी कोई संगीन वारदात कभी घटित नहीं हुई है।