विजय नंगला में टूटा खंभा बदलने में लगाए थे तीन साल
बिजनौर :चांदपुर तहसील के गांव विजय नंगला में ऊर्जा निगम की लापरवाही कोई पहली बार नहीं हुई है। विभागी
बिजनौर :चांदपुर तहसील के गांव विजय नंगला में ऊर्जा निगम की लापरवाही कोई पहली बार नहीं हुई है। विभागीय अफसरों की मनमानी का आलम यह रहा कि आमजन की बात कौन करें यहां तो नूरपुर से भाजपा विधायक लोकेंद्र चौहान की भी अफसरों ने नहीं सुनी। जिस गांव में बिजली करंट से चार परिवारों की खुशियां छिन गई, उसी गांव में एक टूटा खंभा बदलवाने में विधायक को तीन साल तक जद्दोजहद करनी पड़ी थी। चांदपुर से लेकर लखनऊ विधानसभा में आवाज उठाने के बाद गांव का टूटा खंभा अफसरों ने बदला था।
बुधवार को गांव विजय नंगला में विद्युत के नीचे झूलते तारों को ठीक करने के दौरान करंट की चपेट में आने से किसान भाइयों मुकेश व महेश के अलावा जयदेव, मोनू की मौत हो गई थी, जबकि परवेंद्र गंभीर रूप से झुलस गया। हादसे के बाद ऊर्जा निगम व प्रशासनिक अधिकारियों विभाग की बजाय किसानों की गलती करार देने में जुटे रहे, जबकि हकीकत में लापरवाही विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों की रही। कई बार शिकायत करने के बावजूद तार को दुरुस्त नहीं किया गया। अधिकारियों की लापरवाही का एक उदाहरण इसी गांव का है। दरअसल, गांव विजयनंगला के शिवमंदिर के समीप आंधी में एक विद्युत खंभा टूट गया था। ग्रामीणों के प्रयास के बाद भी विभाग ने नहीं बदला। ग्रामीणों ने विद्युत खंभा बदलवाने के लिए नूरपुर से विधायक लोकेंद्र चौहान का दरवाजा खटखटाया। विधायक ने खंभा बदलने के लिए ऊर्जा निगम के जेई, एई, एक्सईएन, एससी तक को पत्र लिखा और फोन किया, लेकिन सपा सरकार में अफसरों ने भाजपा विधायक की नहीं सुनी। विधायक ने खंभा व बिजली का मुद्दा विधानसभा में भी उठाया। विधायक को एक खंभा बदलवाने में करीब तीन साल लग गए।
ऊर्जा निगम की लापरवाही : लोकेंद्र चौहान
विधायक लोकेंद्र चौहान ने कहा कि गांव विजय नंगला में विद्युत तार लटकने से ही हादसा हुआ है। इसके लिए विभागीय अधिकारी जिम्मेदार हैं। अगर उन्होंने समय रहते तार को ठीक कर दिया होता तो शायद यह हादसा नहीं होता। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण से ऊर्जा निगम के एमडी को अवगत करा दिया गया है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।