पारा बढ़ने के बाद भी सर्दी का कहर जारी
जागरण संवाददाता, बिजनौर: सोमवार सुबह आसमान में कोहरा छाया रहा। हल्की बूंदाबांदी ने मौसम में सर्दी
जागरण संवाददाता, बिजनौर:
सोमवार सुबह आसमान में कोहरा छाया रहा। हल्की बूंदाबांदी ने मौसम में सर्दी का एहसास बढ़ा दिया। दिन भर सूरज और बादल के बीच लुकाछुपी का खेल चलता रहा। कुछ देर धूप निकली भी तो उससे तपिश गायब रही। सर्द हवाएं शांत रहने से लोगों ने थोड़ी राहत महसूस की, लेकिन सुबह और शाम की ठंड बरकरार रही।
सोमवार को सुबह से ही आसमान में कोहरा छाया रहा और फिर में बादल आ गए। करीब आठ बजे बूंदाबांदी शुरू हो गई। बूंदाबंदी तो कुछ देर बाद रुक गई, लेकिन एकाएक सर्दी बढ़ गई। कुछ देर के लिए धूप निकली, लेकिन सूरज जल्द ही बादलों की ओट में छिप गया। दिन भर बादलों और सूरज के बची लुकाछुपी का खेल चलता रहा। कभी सूरज निकलता तो कभी बादल सूरज को अपने आगोश में ले लेते। धूप निकली भी तो उसमें तपिश नहीं थी। सोमवार को पहाड़ी क्षेत्रों से आ रही बर्फीली हवाओं का कहर शांत रहा। इस कारण लोगों ने राहत की सांस ली। अवकाश होने के कारण स्कूली छात्र-छात्राओं को राहत मिली। सर्दी के कारण बाजार भी देरी से खुले।
नगीना स्थित कृषि अनुसंधान केंद्र की मौसम वेधशाला के प्रेक्षक आरके शर्मा के अनुसार सोमवार को अधिकतम तापमान 19.8 एवं न्यूनतम तापमान 9.7 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में सर्दी से छुटकारा मिलने के आसार नहीं है। उन्होंने आने वाले दिनों में सर्दी बढ़ने की उम्मीद जताई। कृषि अनुसंधान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक डा. डीएन मिश्र के अनुसार सर्दी बढ़ना गेंहू की खेती के लिए लाभदायक है। जबकि पाला गन्ना, आलू व बरसमी की खेती के लिए बेहद नुकसान देय है। सर्दी का दूध उत्पादन पर भी विपरीत असर हो रहा है।
पहाड़ी क्षेत्रों में बूंदाबांदी से मैदानी इलाकों में बढ़ी ठिठुरन
धामपुर : रुक-रुक कर पड़ रही सर्दी ने क्षेत्र में जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। पिछले सप्ताह हुई बारिश से पहले ही लोग सर्दी झेलने को मजबूर थे, ऐसे में सोमवार सुबह जिले और पहाड़ी क्षेत्रों में हुई बारिश ने ठिठुरन और बढ़ा दी है। लोगों का घरों से निकलना तक दूभर हो गया है।