आखिरकार असमंजस से उबरे सपाई
जागरण संवाददाता, बिजनौर: निर्वाचन आयोग की ओर से साइकिल मुख्यमंत्री अखिलेश को मिलने के बाद बिजनौर
जागरण संवाददाता, बिजनौर:
निर्वाचन आयोग की ओर से साइकिल मुख्यमंत्री अखिलेश को मिलने के बाद बिजनौर में सपा असमंजस से उभरी है। आयोग के फैसले के बाद सपाइयों में चली आ रही भ्रम की स्थिति दूर हुई है। वहीं स्थिति स्पष्ट होने के बाद पार्टी पदाधिकारी, प्रत्याशी, समर्थकों ने राहत की सांस ली है।
काफी समय से सपा हाईकमान में दंगल चल रहा था। प्रत्याशी घोषित हो चुके थे, लेकिन साइकिल चिन्ह के लिए मुलायम व अखिलेश खेमा आमने-सामने था। चिह्न का फैसला आयोग में सुरक्षित रखा गया था। सोमवार को इस पर फैसला आ गया है। साइकिल चिह्न अखिलेश को देने का फरमान आयोग ने सुना दिया। इस फैसले के बाद ही जिले में चल रहा कयास पर विराम लगा है। सपाइयों में पैदा हो रही भ्रम की स्थिति दूर हुई है। दरअसल प्रत्याशियों को डर सता रहा था कि अगर आयोग ने साइकिल चिह्न को फ्रीज कर दिया, तो उन्हें फिर से मेहनत करने पड़ेगी। नए चिन्ह पर तैयारी में जुटना होगा। जिससे उनका वोट बैंक प्रभावित हो सकता है। वहीं सपा दो धुरी में बंटने का भी डर सता रहा था। यह आदेश आने के बाद चेहरे से ¨चता दूर हो गई है। हालांकि जिले में ज्यादातर सपाई मुख्यमंत्री के पाले हैं। युवा होने के चलते अखिलेश को चेहरा बनाना चाहते हैं। इसलिए सपा प्रत्याशी भी अखिलेश खेमे में खड़े हुए नजर आ रहे थे। हालांकि सपा में कोई भी प्रत्याशी खुलकर बोलने को तैयार नहीं था। नूरपुर विधानसभा प्रत्याशी नईमउल हसन ही मुख्यमंत्री के पक्ष में खुलकर बोले थे। अंदरूनी तौर पर सपाइयों का बड़ा धड़ा अखिलेश के साथ ही खड़ा नजर आया है। इस फैसले से सपाइयों में खुशी की लहर है। सपा जिलाध्यक्ष अनिल यादव का कहना है कि साइकिल चिह्न पर ही सभी प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे। मुख्यमंत्री के साथ-साथ नेताजी का आशीर्वाद लेकर चुनाव लड़ा जाएगा। पार्टी में कोई भ्रम की स्थिति नहीं है।