मौसम का गेहूं पर करम, आलू व सरसों पर सितम
जागरण संवाददाता, बिजनौर : ठंड से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो रहा है। शीतलहर, कोहरा व पाला पड़ने से ठंड ब
जागरण संवाददाता, बिजनौर :
ठंड से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो रहा है। शीतलहर, कोहरा व पाला पड़ने से ठंड बढ़ रही है। यह ठंड गेहूं की फसल के लिए लाभकारी साबित हो रही है, वहीं आलू, सरसों के लिए घातक बन रहा है। कोहरे व ठंड से गेहूं की बढ़त बढ़ रही है, वहीं आलू को झुलसा और सरसों को माहू रोग अपनी चपेट में ले रहा है। इससे किसानों के होश उड़ रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी फसलों को लगने वाली बीमारियों की रोकथाम के संबंध में कृषि अधिकारी से मिले। कृषि अधिकारियों का कहना है कि सरसों व आलू को बीमारियों से बचाने के लिए हल्की ¨सचाई करें।
कृषि वैज्ञानिक व अधिकारियों की कहना है कि कोहरे व ठंडक में गेहूं की फसल बढ़ती है और उसकी पैदावार अधिक होती है। कृषि विभाग के अनुसार जिले में 9 हजार हेक्टेयर में आलू की खेती हो रही है। कोहरे से इस फसल में झुलसा रोग लगने लगा है। किसानों की मानें तो कोहरे से दस से 15 फीसद आलू की फसल रोग की चपेट में है। वहीं सरसों व लाही फसल को कोहरे से माहू रोग लगने लगा है। ग्राम मंगोलपुरा निवासी धर्मवीर ¨सह धनकड़ व कोकापुर निवासी किसान विजयपाल ¨सह, ग्राम गंगदासपुर निवासी चौधरी सुखदेव ¨सह का कहना है कि सरसों की फसल को दो तरह का नुकसान हो रहा है। माहू रोग से फसल प्रभावित हो रही है, दूसरे पीला रोग और कीटों का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। आलू की फसल में झुलसा रोग लगने लगा है। इसके बचाव के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं।
बोले अधिकारी..
उप कृषि निदेशक जसपाल ने कहा कि पाले से आलू में झुलसा रोग लगने की संभावना है। इसके नियंत्रण के लिए रसायनिक दवाइयों का छिड़काव करें और बीच बीच में फसल को हल्के पानी से ¨सचाई करें।