भाग्य से जंग..निजाम भी तोड़ रहा हौसला
तीन दशक पहले बर्बाद हुए गांव गौसपुर को फिर निगलने को बेताब है गंगा मुसीबत सिर पर आई तो प्रशासन ने
तीन दशक पहले बर्बाद हुए गांव गौसपुर को फिर निगलने को बेताब है गंगा
मुसीबत सिर पर आई तो प्रशासन ने राहत के लिए शासन को भेजा प्रस्ताव
ललित जोशी, नांगलसोती
'भाग्य और निजाम दोनों से ही हमारी जंग है। भाग्य ने हमारी खुशी छीनी तो निजाम आमादा है हौसला तोड़ने पर। जब मुसीबत सिर पर आ गई है और गंगा पूरे गांव को किसी भी क्षण निगलने को आतुर है तो प्रशासन ने गांव की सुरक्षा के लिए प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है।'
जी हां, यह पीड़ा है नजीबाबाद तहसील के नांगलसोती क्षेत्र के गांव गौसपुर के ग्रामीणों की। ग्रामीणों का कहना है कि तीन दशक पहले भी गंगा उन्हें बर्बाद कर चुकी है और एक बार फिर वे उसी काल के मुहाने पर हैं, लेकिन तीस सालों के लंबे कार्यकाल में किसी को उनकी सुध नहीं आई।
नांगलसोती क्षेत्र में बसा गांव गौसपुर गंगा के हाथों बर्बाद होने के लिए अभिशप्त है। तीन दशक पहले गंगा ने इस गांव को पूरी तरह तहस-नहस कर डाला था। उसके बाद से ग्रामीणों ने कड़ा हौसला दिखाते हुए फिर से खुद के दम पर अपना पुनर्वास किया है। उसके बाद से ही ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाई थी, लेकिन उनकी कहीं पर कोई सुनवाई नहीं हुई। इस बार फिर गंगा पूरे गांव को निगलने को आक्रामक रुख अख्तियार कर रखा है। रामपाल, लाल¨सह, नेहर ¨सह, शीशराम, अरुण, कलवा और सुरेंद्र ¨सह आदि ग्रामीणों का कहना है कि गंगा और वे पूरी तरह आमने-सामने आ गए हैं। किसी भी क्षण बारिश हुई और पहाड़ों का पानी मैदान में आया तो उनकी सुबह का कोई भरोसा नहीं है। राजेंद्र, रामप्रसाद, संजीव, रामस्वरूप, विजय कुमार, वेदराम, मुनेश्वर, अर¨वद कुमार आदि की सैकड़ों बीघा खेती की जमीन को गंगा निगल चुकी है। इतनी बड़ी समस्या को लेकर तहसील और जिला प्रशासन बेहद बेरुखी अख्तियार किए हुए है। मुसीबत पर जब सिर पर आ गई है तो प्रशासनिक मशीनरी ने शासन को प्रस्ताव तैयार कर गेंद शासन के पाले में डाल दी है। जब तक शासन का जबाव आएगा, तब तक उनके भाग्य का फैसला हो चुका होगा।
इनका कहना है
हमने डीएम से मुलाकात कर गांव की सुरक्षा को पक्के स्टड बनवाने की मांग की थी, लेकिन हमारी मांग पर कोई सुनवाई नहीं हुई।
मुन्नू, गांव प्रधान
गांव की सुरक्षा के लिए 29 स्टड बनवाने के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। गांव की हर पल की रिपोर्ट आला अधिकारियों को दी जा रही है।
बाबूराम, लेखपाल
गांव के हालात से संबंधित पूरे मामले की रिपोर्ट बनाकर जिलाधिकारी को प्रेषित कर दी गई है।
शिशिर कुमार, उपजिलाधिकारी नजीबाबाद।