कुओं के सूखे कंठ, प्याऊ भी साबित हो रहे बेमानी
चांदपुर: देश भर में पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। पानी बचाने को अभियान चलाए जा रहे हैं, पर नगर-क
चांदपुर: देश भर में पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। पानी बचाने को अभियान चलाए जा रहे हैं, पर नगर-क्षेत्र में कुएं, तालाब व पोखर के कंठ सूख चुके हैं। गर्मी के मौसम में लोगों की प्यास बुझाने को लगने वाले प्याऊ भी बेमानी साबित हो रहे हैं। वहीं, सबमर्सीबल पंप व अन्य संसाधनों की अधिकता से दोहन के चलते जल संकट के हालात पैदा हो रहे हैं। जिसकी किसी को ¨चता नहीं है।
एक समय था, जब कुओं के पानी का शुद्ध होने के साथ-साथ मीठा माना जाता था। लेकिन, अत्यधिक जल दोहन के चलते कुएं सूख रहे हैं। हालात यह हैं कि या तो अधिकांश कुएं पाट दिए गए हैं या फिर जो बचे हैं उनमें पानी नहीं है। यहां तक कि शहरों व महानगरों से नल भी गायब हो चुके हैं। इसकी जगह अब सबर्मिसबल ने ले ली है। शुद्ध पानी का इंतजाम अब सबमर्सीबल के सहारे हो रहा है।
इतना ही नहीं लोगों की सहूलियत के लिए समाजिक संस्थाओं द्वारा जगह-जगह लगाए गए प्याऊ का अस्तित्व भी आज की स्थिति मिट सा गया है। इक्का-दुक्का स्थानों को छोड़कर प्याऊ बेमानी नजर आ रहे हैं। यहां तक कि ठंडा जल पिलाने के लिए घड़े रखे जाते थे, वे भी नदारद हैं। भूजल के अत्यधिक दोहन के चलते हैंडपंप भी पानी छोड़ रहे हैं।
अब रहती है वाटर जग की आस
हैंडपंप की कमी के चलते पेयजल के लिए वाटर जग (ठंडी केन) ने स्थान ले लिया है। जगह-जगह संचालित अवैध पानी प्यूरीफा¨रग फैक्ट्रियों से सरकारी कार्यालयों, दुकानों व अन्य संस्थानों में पानी पहुंचता है। अब लोगों को इस पानी की ही आस है, वजह आज कल इसे ही शुद्ध व शीतल जल माना जा रहा है।
इन्होंने कहा ..
समाजसेवी ज्ञान प्रकाश वर्मा, डा. सत्येंद्र शर्मा, मतलूब कुरैशी का कहना है कि जल ही जीवन है। कुएं तो विलुप्त हो गए हैं, हैंडपंप का पानी भी खारा हो गया है। प्याऊ भी दिखावा हो गए। सबमर्सीबल का दुरुपयोग पानी की किल्लत का कारण बनता जा रहा है। पालिका व प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।
बोले ईओ..
पालिका के ईओ डा. मणिभूषण तिवारी का कहना है कि सड़कों की खुदाई कर सबमर्सीबल करवाने वालों की सूची तैयार कराई जा रही है। उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। साथ ही पानी की सुविधा के लिए नगर में पांच बड़े ओवर हैड टैंक जल्द ही तैयार होने वाले हैं।