उदाहरण बन गया उदाहरण देने वाला
बिजनौर : मिसाइल मैन के नाम से मशहूर पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम के दिए गए उदाहरण और युवाओ
बिजनौर : मिसाइल मैन के नाम से मशहूर पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम के दिए गए उदाहरण और युवाओं को दिखाए सपने हमेशा उनके जेहन में ताजा रहेंगे। 21 जून को आरवी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए डा. कलाम इतनी जल्दी दुनिया से विदा ले लेंगे, इसका किसी को भी अंदाजा नहीं था। महापुरुषों और समाजहित में आविष्कार करने वाले वैज्ञानिकों के उदाहरण देकर युवाओं में जोश भरने वाले कलाम नहीं रहे,इस खबर पर सहसा बिजनौर को यकीन नहीं हुआ,क्योंकि हफ्ते भर पहले ही तो शहर में आए थे।
बीती 21 जुलाई को आरवीआइटी में आए पूर्व राष्ट्रपति डा. कलाम ने स्वयं को कलाम चाचा की तरह पेश किया था। उन्होंने विद्यार्थियों को सामाजिक मूल्यों का पालन करने के साथ ही बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने के लिए जी-जान से जुट जाने की सीख दी थी। हर छात्र में भावी वैज्ञानिक और एक महापुरुष को देखते हुए उन्होंने कहा था कि ऐसी तकनीक को विकसित करो जिससे समाज का भला हो। उन्होंने ग्राहम बेल का उदाहरण देते हुए कहा कि अपनी लगन से उन्होंने टेलीफोन इजाद किया। इसी तरह मारियो कैपेची का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि गलियों में टहलने वाला“बच्चा चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार प्राप्त कर लेता है। स्वयं का उदाहरण दिया कि बीटेक के दौरान प्रोफेसर श्रीनिवासन ने एयरक्राफ्ट का प्रोजेक्ट मात्र तीन दिन में तैयार करने को दिया। वह तैयार नहीं हो सका लेकिन प्रोफेसर ने उनकी लगन की सराहना की थी। महान व्यक्तियों के उदाहरण देने वाला देश का यह महान सपूत आज खुद उदाहरण बन गया है।
हमेशा याद आएंगे
बिजनौर जनपद में पूर्व राष्ट्रपति कलाम की यादें हमेशा बसी रहेंगी। एक इंस्टीट्यूट के कार्यक्रम में शामिल होने के दौरान उन्होंने स्वयं को कटघरे में खड़ा कर छात्र-छात्राओं को सवाल पूछने के लिए कहा था। छात्रों ने उनकी उपलब्धियों से लेकर उनके शैक्षिक जीवन तक के संबंध में प्रश्न उठाए थे। इन सभी का डा. कलाम ने बड़ी सहजता से उत्तर देने साथ ही उन्हें जीवन में कुछ कर गुजरने की सीख भी दी थी।