'भारतीय संस्कृति का उद्गम है ज्ञान, गंगोत्री व गायत्री'
नजीबाबाद (बिजनौर): ज्ञान, गंगोत्री एवं गायत्री भारतीय संस्कृति का उद्गम है। भारतीय धर्म का पिता यज्ञ
नजीबाबाद (बिजनौर): ज्ञान, गंगोत्री एवं गायत्री भारतीय संस्कृति का उद्गम है। भारतीय धर्म का पिता यज्ञ को माना जाता है। गायत्री को सद्विचार और यज्ञ को सत्कर्म का प्रतीक मानते हैं। यह बात गुरुवार को पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य उपवन में गायत्री शक्तिपीठ के वार्षिकोत्सव के दौरान हुई कार्यकर्ता गोष्ठी में शांतिकुंज हरिद्वार के वरिष्ठ प्रतिनिधि डा.ओपी शर्मा ने कही।
उन्होंने कहा कि युवाओं को एक शक्ति बनकर देश को नई दिशा देने का कार्य करना चाहिए, तभी देश और युवा का विकास हो सकता है। वहीं उन्होंने सभी साधकों से मानवता के लिए कार्य करने का आह्वान किया। कार्यक्रम में डा.ओपी शर्मा ने 500 लोगों को गायत्री महामंत्र की दीक्षा दिलाई। इस दौरान हुए यज्ञ में साधकों ने आहुति देकर अपने परिवार एवं विश्व कल्याण के लिए कामना की।
अशोक परिव्राजक एवं कुंज बिहारी ने 24 कुंडीय महायज्ञ संपन्न कराया। पुंसवन, अन्नप्राशन, मुंडन, विद्यारंभ, यज्ञोपवीत एवं वानप्रस्थ आदि संस्कार संपन्न कराए गए। इस मौके पर जेएल गंगवार, ओंकार साहरन, वीके शर्मा, रामअवतार वर्मा, डा.दीपक कुमार, महेश प्रकाश गंगवार, हरीश शर्मा, विनायक शर्मा, बीना शर्मा आदि मौजूद थे।