प्रधान सहित पांच पर एफआइआर, दो लिपिक निलंबित
ज्ञानपुर (भदोही) : महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में गबन का आरोप सामने आने के ब
ज्ञानपुर (भदोही) : महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में गबन का आरोप सामने आने के बाद पूर्व प्रधान सहित पांच कर्मचारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा दी गई है जबकि एसडीएम का कूट-रचित हस्ताक्षर तैयार करने के आरोपी दो लिपिकों को निलंबित कर दिया गया है। जिलाधिकारी सुरेश कुमार सिंह ने चेतावनी दी कि शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं में गड़बड़ी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
कलेक्ट्रेट स्थित सभाकक्ष में शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में जिलाधिकारी ने बताया कि विकास खंड सुरियावां के विष्णुपुर निवासी रमेश कुमार मौर्य ने शिकायत कर महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत गांव में कराए गए कार्यो में धांधली करने का आरोप पूर्व प्रधान और कर्मियों पर लगाया था। इसकी जांच अधिशासी अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण सेवा और सेवायोजन अधिकारी से कराई गई। जांच में पाया गया कि योजना में एक लाख चौरासी रुपये का गबन किया गया है। गबन के आरोप में पूर्व प्रधान ओमप्रकाश पाल, तकनीकी सहायक रामानंद, तत्कालीन सचिव ओम काजी के खिलाफ सुरियावां थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है। इसी क्रम में विकास खंड सुरियावां में तैनात संविदा कर्मचारी प्रदीप कुमार द्वारा मनरेगा मजदूरों की 48 हजार रुपये मजदूरी अपने खाते में डाल लिया था। इस आरोप में संविदा कर्मी के खिलाफ संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया कि भदोही के तत्कालीन उप जिलाधिकारी आशाराम का कूटरचित हस्ताक्षर तैयार करने के आरोप में पेशकार विश्वनाथ यादव और कर्मी होरीलाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जा चुकी है। उनके खिलाफ अभियोग दर्ज होने के कारण निलंबित कर दिया गया है। जिलाधिकारी ने बताया कि संज्ञान में आया है कि कुछ प्रधान और सचिव बगैर बैठक कराए ही दुकान आवंटन के लिए प्रस्ताव प्रेषित कर दे रहे हैं। जांच में सही मिलने पर दोनों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।