मुफ्लिसी सबको सिखा देती है जीने का हुनर
भदोही: पापी पेट का सवाल है। इसके लिए जान जोखिम में डालकर रस्सी पर चलना पड़े तब भी कोई गुरेज नहीं है।
भदोही: पापी पेट का सवाल है। इसके लिए जान जोखिम में डालकर रस्सी पर चलना पड़े तब भी कोई गुरेज नहीं है। यह मानना है कि सड़कों के किनारे रोंगटे खड़े कर देने वाले करतब दिखाने वालों का। महज सात वर्षीय नन्हीं सी जान द्वारा किए जा रहे हैरतअंगेज करतब को देख लोग दांतों तले अंगुली दबाने को विवश हो जाते हैं।
हमको देखो न हेकारत की नजर से लोगों-मुफ्लिसी सबको सिखा देती है जीने का हुनर। किसी शायर की यह पंक्तियां उन बंजारों पर सटीक बैठती है जो डेरा डंडा लेकर गांव गांव, गली गली घूम कर न सिर्फ लोगों का मनोरंजन कर रहे बल्कि पेट की क्षुधा शांत करने का इंतजाम भी कर रहे हैं।
पिछले कई दिनों से नगर के स्टेशन रोड, अजीमुल्लाह चौराहा, मेनरोड, चौरी रोड, ज्ञानपुर रोड सहित विभिन्न स्थानों पर सड़क के किनारे हैरतअंगेज करतब दिखाने वालों के डेरा डालते ही भीड़ जमा हो जाती है। मासूम बच्ची द्वारा लाठी के बैलेंस
बनाकर रस्सी पर चलने का दृश्य हो अथवा ¨रग के माध्यम से इधर से उधर सफलता पूर्व पार होने के करतब, देख लोगों की सांस रुक जाती है।
इस दौरान पत्थर दिल का हाथ भी जेब में चला जाता है। बच्ची के हाथ में बतौर पुरस्कार कुछ रकम जमा होते ही बंजारा परिवार के चेहरे पर राहत के भाव तैरने लगते हैं।