नौ साल पहले हुए भीषण कांड की पुनरावृत्ति से बाल-बाल बचा हाइवे
उंज (भदोही) : गोपीगंज और जंगीगंज के बीच किसुनदेवपुर के सामने ट्रक की चपेट में आने से हुई कांवरियां क
उंज (भदोही) : गोपीगंज और जंगीगंज के बीच किसुनदेवपुर के सामने ट्रक की चपेट में आने से हुई कांवरियां की मौत ने प्रशासनिक तैयारियों की पोल खोल दी। पुलिस अधिकारियों की ओर से किए जा रहे अब तक बड़े- बड़े दावे महज कागजों में ही सिमटता दिख रहा है। हादसे के बाद कांवरियों का आक्रोश वर्ष 2007 की घटना को याद दिला रहा था। यहां पर उपस्थित ग्रामीणों के सूझबूझ से स्थिति को आसानी से नियंत्रित कर लिया गया।
पवित्र मास सावन में कांवरियों के लिए एक लेन सुरक्षित कर दिया गया है। इसके बाद भी हादसा रुकने का नाम नहीं ले रहा है। वर्ष 2007 में कांवरियां कांड के बाद हरकत में आया प्रशासन एक माह पहले से ही सुरक्षा को लेकर तैयारी में जुट जाते हैं। पुलिस अधिकारी सुरक्षा को लेकर बड़े- बड़े दावे किए जा रहे थे लेकिन हकीकत में सफेद हाथी साबित होता दिख रहा है। जगह- जगह पुलिस की तैनाती तो की गई है लेकिन उनकी निष्क्रियता से सुरक्षित लेन पर भी वाहन घुस जा रहे थे। कांवरियों की सुरक्षा को लेकर तैनात किए गए पुलिस कर्मी कुर्सी पर बैठे आराम फरमा रहे हैं। प्रशासन की ओर से लगाए गए सेक्टर, जोनल मजिस्ट्रेट के अलावा मोबाइल टीम भी ढाक के पात साबित हो रहे हैं। यह सही है कि दक्षिणी लेन को पार करते समय कांवरियां विजय कुमार उर्फ पप्पू ट्रक की चपेट में आ गया। आक्रोशित कांवरियों ने ट्रक को आग के हवाले कर दिया। ऐसी स्थिति में यहां पर तैनात पुलिस के लोग क्या कर रहे थे। जब कांवरिया दूसरे लेन पर जाने लगा तो वे लोग उसे रोके क्यों नहीं। इन तमाम सवालों का जवाब शायद किसी के पास होगा। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक कांवरियों का आक्रोश देख यहां पर तैनात पुलिस कर्मी भाग खड़े हुए।
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मीरजापुर निवासी विजय कुमार उर्फ पप्पू के बहन प्रेमा की शादी किसुनदेवपुर में भरत ¨बद के यहां हुई है। जल भरने के बाद सुबह दस बजे पप्पू किसुनदेवपुर स्थित ¨सचाई विभाग की कालोनी के पास पहुंच गया था। यहीं पर वह बाटी- चोखा तैयार कर खाने के बाद पीछे आ रहे अपने भाई शिवशंकर के लिए रख दिया। प्रेमा भी अपने दूसरे भाई के इंतजार में यही पर बैठी थी। अचानक अपने भांजे को समोसा लाने के लिए वह सुरक्षित लेन को पार कर दक्षिणी लेन पर जाने लगा। इसी बीच इलाहाबाद की ओर से आ रहे ट्रक के जद में आ गया।
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भौजी के कवन जबबवा देबइ हो भइया
अपने सामने भाई की मौत को देख बहन प्रेमा को ऐसा सदमा लग गया कि वह बार- बार बेहोश हो जा रही थी। उसके करुण विलाप को सुन हर किसी का कलेजा कांप जा रहा था। अब भौजी के कवन जबबवा देबइ हो भइया कहकर शव से चिपक जा रही थी। तेरह वर्षीय भांजी पूनम की करुण रोदन सुन लोग अपने को नहीं रोक पा रहे थे। घटनास्थल पर पहुंचे भाई जयशंकर की तो हालत ही खराब हो गई। सुरक्षित लेन पर ही लेट कर छाती पीट- पीटकर रोने लगा। किसी तरह लोग समझा- बुझाकर लोगों को घटना स्थल से ले गए। -----------------------------
डीएम-एसपी ने संभाली कमान
कांवरियां की मौत की जानकारी होते ही जिलाधिकारी प्रकाश ¨बदु और पुलिस अधीक्षक डा. अर¨वद भूषण पांडेय मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किए। यहां पर आकोशित भीड़ को किसी तरह समझा- बुझाकर मामले को शांत कराया। सुरक्षित लेन पर जगह- जगह रुके कांवरियों को रवाना किए।