ईश्वर की पहली संरचना है प्रकृति
ज्ञानपुर (भदोही): क्षेत्र के कानूनगोपुर में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के छठवें दिन कर्मयोगी पं प्रम
ज्ञानपुर (भदोही): क्षेत्र के कानूनगोपुर में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के छठवें दिन कर्मयोगी पं प्रमोद जी महराज ने कहा कि संसार का निर्माण भगवान ने किया जिसमें सबसे पहले प्रकृति की संरचना हुई। प्रकृति ने ईश्वर के सहायक की भूमिका निभाते हुए श्रृष्टि का निर्माण किया। ईश्वर ने प्रसन्न होकर यह दुनिया प्रकृति को ही सौंप दी और कहा कि अब से तुम ही उछ्वव, पालन एवं समन करो मैं मात्र द्रष्टा बनकर देखूंगा।
कहा कि प्रकृति ने परंपुरुष के सहयोग से दुनिया बनाई और उसके जीव पालन पोषण करने लगे। हम भी प्रकृति अवययों जैसे नदी, पेड़, पर्वत, वनस्पत्ति एवं सूर्य चंद्रमा आदि की पूजा करने लगे लेकिन समय के चक्र ने मानव प्रजाति के जीवों को ऐसा मूर्ख बनाया कि वह प्रकृति का ही दोहन करते हुए पेड़ काटने, नदियों को प्रदूषित करने के साथ ही पर्वतों को तोड़ने में लग चुका है। कहा कि वासना ने हमें कपड़ों की तरह ढंक रखा है। जब तक लोक वासना रूपी कपड़े का आवरण नहीं हटेगा तब हमें ईश्वर रूपी सच्चे सुख की प्राप्ति नहीं होगी। इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु थे।