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इंदिर आवास आवंटन में आ रही धांधली की बू

ज्ञानपुर (भदोही): इंदिरा आवास आवंटन से धांधली की बू आने लगी है। स्थायी पात्रता सूची को दरकिनार कर ल

By Edited By: Published: Fri, 19 Dec 2014 06:13 PM (IST)Updated: Fri, 19 Dec 2014 06:13 PM (IST)
इंदिर आवास आवंटन में आ रही धांधली की बू

ज्ञानपुर (भदोही): इंदिरा आवास आवंटन से धांधली की बू आने लगी है। स्थायी पात्रता सूची को दरकिनार कर लाभार्थियों का चयन किया जा रहा है। यही नहीं पूर्व के लाभान्वित पात्रों को ही योजना का लाभ दे दिया जा रहा है।

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बीपीएल सूची व स्थायी पात्रता की सूची में शामिल पात्र लाभार्थियों को इंदिरा आवास का आवंटन किया जाता है। वित्तीय वर्ष 1985 से देश में सर्व प्रथम इंदिरा आवास योजना की शुरुआत की गई थी। आवास योजना मूल रूप से 1995 से रफ्तार पकड़ी थी। अब तक करीब चालीस हजार से अधिक इंदिरा आवासों का निर्माण कराया जा चुका है। स्थायी पात्रता सूची पूर्ण होने पर वित्तीय वर्ष 2011-12 व 2012-13 में योजना पर रोक लगा दी गई थी। शासन ने गाइड लाइन में संशोधित करते हुए पात्रों का चयन कर आवास आवंटित करने के लिए दिशा निर्देश जारी किया था। ब्लाकों से पात्रों की सूची मांगी गई थी। ग्राम पंचायत अधिकारियों एवं एडीओ पंचायतों और ग्राम प्रधानों के तालमेल से अपात्रों का चयन कर लिया गया है। हकीकत तो यह है कि पूर्व में लाभान्वित पात्रों को ही सूची में शामिल कर लिया जा रहा है। नियमानुसार पिता को पूर्व में यदि आवास आवंटित है तो उसके परिवार में आवास दिया जा सकता है बशर्ते वह अपने पिता से अलग रह रहा हो। इसके लिए लाभार्थियों को अलग से फार्म भरना होगा। नियमों की अनदेखी कर धड़ल्ले से आवासों का आवंटन किया जा रहा है। अफसर भी जानते हुए अंजान बने हुए हैं।

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जांच हुई तो नपेंगे वीडीओ

चालू वित्तीय वर्ष में आवंटित इंदिरा आवासों की जांच हुई तो कई ग्राम पंचायत अधिकारियों की गर्दन नप जाएगी। नियम के विरुद्ध रिपोर्ट देने वाले ग्राम पंचायत अधिकारियों पर गाज गिरनी तय है।

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नियमानुसार एक आइडी पर एक बार ही आवास का आवंटन किया जा सकता है। यदि दूसरी बार आवास दिया जा रहा है तो नियम विरुद्ध है। मामले की जांच कराई जाएगी। दोषी मिलने पर ग्राम पंचायत अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

-आर.पी मिश्र मुख्य विकास अधिकारी।


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