पीड़िता पर जाल फेंक रहे गैंगरेप आरोपी
गोपीगंज (भदोही): सत्ता पक्ष के सामने गोपीगंज पुलिस पूरी तरह घुटने टेक चुकी है। एक पखवारा बीत गया लेक
गोपीगंज (भदोही): सत्ता पक्ष के सामने गोपीगंज पुलिस पूरी तरह घुटने टेक चुकी है। एक पखवारा बीत गया लेकिन गेस्ट हाउस में हुए गैंगरेप की घटना के आरोपी उसके पकड़ से बाहर हैं। आलम यह है कि पीड़िता को बयान बदलने पर दबाव बनाया जा रहा है। अल्पावास और थाने में छद्म वेश में समर्थक पहुंच रहे हैं। बताया जा रहा है कि महकमा धारा 161 में बयान बदलवा कर आरोपियों के पक्ष में फाइनल रिपोर्ट लगाना चाह रही है।
दरअसल 12 नवम्बर को गोपीगंज थाना क्षेत्र में स्थित गेस्ट हाउस में एक युवती के साथ सामूहिक दुराचार किया गया था। इस मामले में पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने जिला पंचायत सदस्य एवं सपा नेता मेवालाल यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। कोर्ट में बयान के दौरान पीड़िता का आरोप था कि उसके साथ पहले गोविंदा नामक युवक ने दुष्कर्म किया। इसके बाद नेताजी लगातार दस मिनट तक जबरदस्ती करते रहे। बयान दर्ज करने तथा मेडिकल होने के बाद भी पुलिस विवेचना करने की राग अलाप रही है। एक पखवारा बीत गया लेकिन अब भी आरोपी पुलिस के पकड़ से बाहर हैं। उधर बुधवार को चार व्यक्ति अल्पावास पीड़िता से मिलने के लिए पहुंचे थे। अधीक्षिका का कहना था कि बगैर पुलिस के आदेश किसी को मिलने नहीं दिया जाएगा। वे लोग थाने से आदेश लाने की बात कहकर चले गए। विभागीय सूत्र बताते हैं कि चारों व्यक्ति थाने पर भी गए लेकिन परिचय पत्र आदि रिकार्ड मांगने पर वह खिसक लिए। बताते हैं कि आरोपी गोविंदा आदि द्वारा पीड़िता को अपने पक्ष में करने पर दबाव बनाया जा रहा है। पुलिस भी इससे अंजान नहीं है। सत्ता पक्ष के इशारे पर कार्रवाई करने में जुटी हुई है।
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सुर्खियों में रही दुष्कर्म की घटना
-ज्ञानपुर सर्किल में दुष्कर्म की कई घटना सुर्खियों में रही। पुलिस लाइन स्थित एक महिला सिपाही के आवास में दुष्कर्म के आरोप में अधिवक्ता जेपी यादव को पुलिस तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेज दी थी। इसमें लापरवाही करने वाले कोतवाल को कुर्सी गंवानी पड़ी थी। तत्कालीन पुलिस अधीक्षक सुभाषचंद दुबे की कार्रवाई काबिले तारिफ थी। कोइरौना में हुए सामूहिक दुष्कर्म का मामला भी पुलिस के लिए किरकिरी साबित हुई थी। पुलिस सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी पूर्व सांसद गोरखनाथ पांडेय के पुत्र आनंद पांडेय सहित तीन लोगों को गिरफ्तार नहीं कर सकी थी। तीनों लोग कोर्ट में सरेंडर कर दिए थे। यह बात दीगर थी कि पुलिस कुर्की आदि की कार्रवाई करने में जुटी थी। वहीं सत्ता पक्ष से जुड़ा मामला होने के कारण गेस्ट हाउस कांड के आरोपी पर हाथ डालने से कतरा रही है।