आंगनबाड़ी वर्करों की पत्रावलियां गायब
ज्ञानपुर (भदोही): बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के बाल विकास परियोजनाओं में तैनात आंगनबाड़ी कार्
ज्ञानपुर (भदोही): बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के बाल विकास परियोजनाओं में तैनात आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की नियुक्ति पत्रावली गायब होने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। डेढ़ दशक पूर्व केन्द्रों पर हुई नियुक्ति की पत्रावली न मिलने की जानकारी उच्चाधिकारियों को भी दी जा चुकी है। हालांकि अभी तक इसके आरोप में किसी भी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो सकी है।
ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में शिशु मृत्यु और मातृ मृत्यु दर तथा बच्चों में बढ़ रहे कुपोषण को रोकने के लिए दो दशक पूर्व बाल विकास परियोजनाओं के माध्यम से आंगनबाड़ी केन्द्र खोले गए थे। इन केन्द्रों पर आंगनबाड़ी वर्कर एवं सहायिकाओं की नियुक्ति में धांधली को लेकर विभाग प्राय: सुर्खियों में रहा है। वर्करों की नियुक्ति में धाधली की शिकायतों के बाद बाल विकास परियोजनाओं से नियुक्ति पत्रावली गायब करने का मामला सामने आया है। एक, दो नहीं बल्कि सभी छह बाल विकास परियोजनाओं से सैकड़ों वर्करों की नियुक्ति पत्रावली गायब हो गई है। ज्ञानपुर और डीघ में शतप्रतिशत पत्रावलियां गायब हैं।
विभागीय सूत्रों के अनुसार नियुक्ति के दौरान बाल विकास परियोजनाओं में संविदा पर बाल विकास परियोजना अधिकारी रखे गए थे। उनके द्वारा बड़े पैमाने पर फर्जी नियुक्ति की गई थी। जाते-जाते साक्ष्य को मिटाने के लिए कार्यालय से पत्रावलियों को भी गायब कर दिया गया। अब कोई सूचना अधिकार अधिनियम के माध्यम से जानकारी मांगता है तो पत्रावली न होने की दशा में जवाब देना मुश्किल हो गया है। मजे की बात तो यह है कि पत्रावली गायब होने की जानकारी उच्चाधिकारियों को देने के बावजूद दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो सकी।
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बाल विकास परियोजनाओं की स्थिति
जिले में ज्ञानपुर, भदोही नगर व ग्रामीण, सुरियावां, अभोली, डीघ तथा औराई विकास खंड में बाल विकास परियोजना कार्यालय स्थित है। इनमें कुल 1483 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित हैं। इसके अलावा करीब दो सौ मिनी आंगनबाड़ी केन्द्र भी संचालित किए जाते हैं। इसमें कुल 1422 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के अलावा 1335 सहायिकाओं की नियुक्ति की गई है। हालांकि ज्ञानपुर बाल विकास परियोजना में पोषाहार की कालाबाजारी के आरोप में 18 वर्करों की सेवा समाप्त की जा चुकी है।
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सीडीपीओ दफ्तर में नहीं है कोई रिकार्ड
बाल विकास परियोजनाओं में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की नियुक्ति को लेकर कोई रिकार्ड नहीं है। अब सवाल उठता है कि जब नियुक्ति पत्रावली ही नहीं है तो उनके मानदेय आदि का भुगतान कैसे किया जा रहा है। माना जा रहा है कि यदि जांच हुआ तो किसी बड़े घोटाले से इनकार नहीं किया जा सकता है।
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बाल विकास परियोजनाओं में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की नियुक्ति पत्रावली गायब है। इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को भी दी जा चुकी है। बावजूद इसके अभी तक कोई ऊपर से कोई दिशा निर्देश नहीं मिल पाया है।
-नीलम मेहता, जिला कार्यक्रम अधिकारी।