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पुत्रों की दीर्घायु को माताएं रहीं निर्जला व्रत

By Edited By: Published: Tue, 16 Sep 2014 10:43 PM (IST)Updated: Tue, 16 Sep 2014 10:43 PM (IST)
पुत्रों की दीर्घायु को माताएं रहीं निर्जला व्रत

ज्ञानपुर (भदोही): पुत्रों के दीर्घायु का सबसे प्रमुख व्रत जीवित्पुत्रिका। ऐसे में मंगलवार को आस्था उफान पर थी। माताओं ने निर्जला व्रत रखकर पूजन-अर्चन की। गंगा घाटों और सरोवर के किनारे आस्थावानों की जमघट थी। इस दौरान गाजे-बाजे के साथ फल आदि लेकर लोग पहुंचे। कथा और कहानियां हुईं। पुत्रों की दीर्घायु का मां से आशीर्वाद मांगा गया।

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मान्यता है कि जीवित्पुत्रिका का व्रत पुत्रों की लंबी उम्र की कामना से रखी जाती है। इस व्रत की खास बात यह है कि इसे निराजल रखा जाता है। नगर ही नहीं ग्रामीण इलाकों में भी पर्व को लेकर उत्साह रहा। ज्ञानपुर में ज्ञानसरोवर के तट पर बड़ी संख्या में माताओं का हुजूम उमड़ पड़ा था। सिर पर लोग फल-फूल आदि भरे डाली लेकर पहुंचे थे तो युवतियों की संख्या भी कम न थी। फिर विधि-विधान से शुरू हुआ पूजन-अर्चन का दौर तो सरोवर का नजारा ही बदल चुका था। आस्था की उमंगें परवान चढ़ी रहीं। उधर, सुरियावां, मोढ़, औराई, जंगीगंज, खमरिया, महराजगंज, सीतामढ़ी, चौरी व बाबूसराय में भी तालाब व नदी के किनारे पूजन-अर्चन हुआ। इसे लेकर जहां क्षेत्र में चहल-पहल रही वहीं लोगों में व्यापक उत्साह भी रहा। खासकर महिलाओं और बच्चों की खुशी देखते बनती थी। इस दौरान कई स्थानों पर मेले जैसा नजारा था।

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बाबूसराय, सारीपुर, नारायणपुर, झउआं पिलखुनी गिर्दबड़गांव आदि गांवों में तालाब के किनारे बड़ी संख्या में महिलाओं ने पूजा-अर्चना की।

औराई प्रतिनिधि के अनुसार: जीवित्पुत्रिका व्रत पर क्षेत्र के घोसिया, औराई, सहसेपुर, कठारी, विठ्लपुर, पुरुषोत्तमपुर, अमीरपट्टी, बारीगांव समेत अन्य गांव में बड़ी संख्या में महिलाओं ने पूजा-अर्चना की।


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