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सुरक्षा न मिलने पर आरटीआइ कार्यकर्ता ने छोड़ा प्रदेश

By Edited By: Published: Thu, 28 Aug 2014 12:35 AM (IST)Updated: Thu, 28 Aug 2014 12:35 AM (IST)
सुरक्षा न मिलने पर आरटीआइ कार्यकर्ता ने छोड़ा प्रदेश

ज्ञानपुर (भदोही) : सुरक्षा न मिलने पर आरटीआइ कार्यकर्ता विभूति नारायण दुबे ने प्रदेश छोड़ दिया है। साथ ही कहा है कि उसके अनुपस्थिति में परिवार की सुरक्षा को लेकर जिलाधिकारी, प्रदेश व केंद्र सरकार जिम्मेदार होगी। उधर, परिवार के लोग

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मालूम हो कि आरटीआइ कार्यकर्ता सूचना अधिकार के माध्यम से तमाम खुलासा कर चुका है। ऐसे में उस पर कई विरोधियों की नजर थी। इस बात से वह वाकिफ था। ऐसे में उसने जिलाधिकारी से आत्मरक्षार्थ शस्त्र लाइसेंस मांगा था। तत्कालीन जिलाधिकारियों द्वारा सरसरी तौर पर उसके आवेदन को निरस्त कर दिया गया। कहा कि प्रधानमंत्री के दफ्तर के सूचना के मुताबिक अब तक देश में 24 से अधिक आरटीआइ कार्यकर्ताओं की हत्या की जा चुकी है।

इसके अलावा 76 लोगों का उत्पीड़न किया गया। आशंका जताई कि किसी भी समय उसकी भी हत्या की जा सकती है। उसने 26 सितंबर को पीएम को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की थी। पीएमओ आफिस ने मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन को 19 जुलाई 2013 को इस बाबत निर्देश भी दिया है। इसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं की गई। ऐसे में 28 जुलाई 2014 को डीएम सहित कुल 14 मंत्रालयों व सचिवों को पत्र लिखकर कार्यकर्ता ने सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध न कराने पर प्रदेश छोड़ने की चेतावनी दी थी।

एक माह बीत जाने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। ऐसे में उसने प्रदेश को छोड़ने का ऐलान करते हुए कहा है कि उसकी अनुपस्थिति में परिवार की सुरक्षा डीएम व प्रदेश सरकार की होगी।


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