पेयजल संकट से स्टेशन पर हाहाकार, आक्रोश
भदोही : विभागीय उपेक्षा के चलते भदोही स्टेशन पर यात्री सुविधाओं की जबरदस्त अनदेखी हो रही है। आरक्षण से लेकर साधारण टिकट वितरण केंद्र तक समस्याओं की भरमार हो गई है। भीषण गर्मी के बीच पेयजल संकट से यात्री बिलबिला रहे हैं। बार बार गुहार लगाने के बावजूदविभाग अनजान बना हुआ है।
भदोही स्टेशन पिछले चार वर्ष से रामभरोसे चल रहा है। स्टेशन अधीक्षक के अभाव में व्यवस्था छिन्न भिन्न होकर रह गई है। बिजली कटौती के चलते प्रकाश, पेयजल सहित अन्य व्यवस्थाएं जनरेटर पर निर्भर हैं। उधर तेल के अभाव में जेनरेटर भी यदा कदा ही संचालित किया जाता है। ऐसे में बार-बार स्टेशन पर पेयजल समस्या उत्पन्न हो जाती है। बताते चलें कि पिछले तीन दिन से स्टेशन पर पानी के लिए हाहाकार मचा है। इसके चलते लंबी दूरी से आने वाले ट्रेनयात्रियों को भारी निराशा का सामना करना पड़ रहा है।
उधर रखरखाव के अभाव में पेयजल स्टैंडपोस्ट की अधिकतर टोटियां शहीद हो चुकी हैं, जबकि सही सलामत टोटियां भी पानी उगलने में असहाय हैं। बताते चलें कि स्टेशन पर पेयजल समस्या को देखते हुए काती व्यवसायियों की संस्था एसिसडा द्वारा लगभग पांच वर्ष पहले ढाई लाख रुपया खर्च कर दोनों प्लेटफामरें पर कूलिंग मशीन की स्थापना कराई थी। इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि विभाग उक्त मशीनों का रखरखाव करने में फिसड्डी साबित हो रहा है जिससे यात्रियों को ठंडे पानी से वंचित होना पड़ रहा है।
चिंता की बात तो यह है कि यात्री समस्याओं को न तो कोई सुनने वाला है न ही समाधान की उम्मीद दिख रही। स्टेशन अधीक्षक के अभाव में अन्य रेलकर्मी भी महज अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। पेयजल, शौचालय सहित अन्य समस्याओं से ग्रस्त एक रेलकर्मी ने बताया कि यहां सिर्फ यात्री ही परेशान नहीं हैं बल्कि रेलकर्मी भी जैसे तैसे ड्यूटी करने को विवश हैं। बताया कि जब तक स्थाई रूप से स्टेशन अधीक्षक की नियुक्ति नहीं होगी समस्याओं का समाधान नहीं होने वाला।
एक नजर में स्टेशन
-रेलमार्ग से ढाई दर्जन एक्सप्रेस व चार पैसेंजर ट्रेनों का प्रतिदिन आवागमन
-प्रतिमाह की अर्निग एक करोड़ से अधिक
-स्टेशन अधीक्षक (जंघई) कोमल सिंह पर स्टेशन का प्रभार
-एकमात्र शौचालय, वह भी गंदगी से पटा
-दोनों प्लेटफार्म पर एक एक हैंडपंप
आक्रोश भड़क सकता है
विभागीय उदासीनता के चलते भदोही स्टेशन की हालत दिन ब दिन बदतर रूप लेती जा रही है। अनेकों समस्याओं से यात्री हलकान हो रहे हैं लेकिन कोई संज्ञान लेने वाला नहीं है। यात्री सुविधाओं को लेकर विभाग गंभीर नहीं हुआ तो यात्रियों का आक्रोश कभी भी भड़क सकता है।
-रामऔंतार शर्मा रामू बाबा (अध्यक्ष) वाराणसी-भदोही पैसेंजर एसोसिएशन।