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प्रशासन की उदासीनता से सड़क बनी झील

By Edited By: Published: Sun, 20 Jul 2014 10:01 PM (IST)Updated: Sun, 20 Jul 2014 10:01 PM (IST)
प्रशासन की उदासीनता से सड़क बनी झील

ज्ञानपुर (भदोही) : बारिश के दिनों में अगर आप को जिला मुख्यालय आना है तो मन और मिजाज दोनों बदल दें। अगर आप नगर में पहुंच भी गए तो दुर्गागंज त्रिमुहानी से बैरंग वापस होना पड़ सकता है। वह इसलिए कि यहां पर नगर पंचायत और जिला प्रशासन की उदासीनता से सड़क झील बन चुकी है। आप हैरान होंगे लेकिन यह शत प्रतिशत सही है कि 90 लाख रुपये से अधिक खर्च होने के बाद भी नगर में जल निकासी की व्यवस्था चरमरा चुकी है। कार्यदायी संस्था और ठेकेदारों के जादू के सामने महकमा जानकर भी अंजान बना हुआ है।

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हम यहां बात कर रहे हैं जिला मुख्यालय की सबसे प्रमुख स्थान दुर्गागंज त्रिमुहानी की। बताते चलें कि जल निकासी के लिए जिला अस्पताल के सामने से लेकर भिदिउरा तक पक्का नाला बनाया गया है। इसके लिए शासन से करीब 75 लाख रुपये अवमुक्त किया गया था। इसमें से साठ लाख रुपये से अधिक खर्च किया जा चुका है। कार्यदायी संस्था मानक की अनदेखी कर नाले का निर्माण कराकर चंपत हो गई।

नगर की छोटी नालियों को भी बड़े नाले से नहीं जोड़ा। जहां-तहां नाला भी ध्वस्त हो चुका है। तमाम अफसर आए और चले गए। कार्यदायी संस्था के फितरतबाजी के सामने उनकी एक भी नहीं चली। उनसे भी एक हाथ आगे निकला नगर पंचायत प्रशासन। दुर्गागंज त्रिमुहानी से पानी निकालने के लिए बगैर टेंडर ही नाला का निर्माण कराने लगा। जिला प्रशासन ने रोक लगाकर नियमानुसार नाला निर्माण कराने का फरमान जारी कर दिया। करीब तीस लाख रुपया पानी की तरह बहा दिया गया। नाली तहसील के सामने जाकर रुक गई। इसके बाद फिर टेंडर हुआ और अधूरी नाली का निर्माण शुरू हो गया। तब तक देर हो चुकी थी। बारिश होने लगी। दुर्गागंज त्रिमुहानी जलाशय के शक्ल में तब्दील हो गया। दर्जनों दुकानदारों के सामने रोटी के लाले पड़ गए।

दीवानी, निबंधन कार्यालय आदि जलमग्न हो गए। नगर प्रशासन तमाशबीन बनकर सब कुछ देखता रहा। दूर दराज से आए राहगीर से लेकर आम जन नगर पंचायत व्यवस्था पर अंगुली उठाते रहे। नगर पंचायत और प्रशासन द्वारा नाला निर्माण पर खर्च हुए लाखों रुपये की स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की आवाज उठने लगी है।

सभासद ने खोला मोर्चा

सभासद एवं पूर्व सपा प्रवक्ता बंशीधर गुप्ता ने आरोप लगाया है कि नगर में विकास के लिए मिले करोड़ों रुपये का बंदरबांट किया जा रहा है। आरोप लगाया कि लाखों रुपये खर्च कर नाली का निर्माण कराया गया लेकिन जल निकासी की व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो सकी। आरोप लगाया कि अधिशासी अधिकारी और अवर अभियंता, ठेकेदारों के तालमेल से सरकारी धन खर्च करने में मनमानी की जा रही है। जिलाधिकारी से जांच कर दोषी लोगों पर कार्रवाई की मांग की है।

वर्जन..

पंप चलाकर पानी निकलवाया जा रहा है। तहसील के सामने नाला का निर्माण कराया जा रहा है। बारिश होने से काम रुक गया है। नाला का निर्माण होने के बाद यह समस्या नहीं आएगी।

-राजेन्द्र प्रसाद, उपजिलाधिकारी सदर।


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